मध्य पूर्व (Middle East) में ईरान और इज़राइल के बीच लगातार सातवें दिन गुरुवार को हिंसक झड़पें जारी रहीं। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर मिसाइल हमले किए।
इज़राइल ने ईरान के खोंदाब (Khondab) न्यूक्लियर फैसिलिटी के पास भारी पानी संयंत्र (heavy water facility) के क्षेत्र को निशाना बनाया, जबकि ईरान ने सीधे इज़राइल के दक्षिणी हिस्से में स्थित सबसे बड़े अस्पताल ‘सोरोका मेडिकल सेंटर’ (Soroka Medical Center) पर मिसाइल से हमला किया।
इस बीच, पूरे इज़राइल में सायरन बजाए गए क्योंकि ईरान ने एक और मिसाइल हमला किया।
इस ताजा घटनाक्रम के बाद, मध्य पूर्व में शांति की उम्मीदों पर संकट गहराता दिख रहा है। इज़राइल ने ईरान के अराक (Arak) और खोंदाब (Khondab) शहरों के लोगों को तत्काल क्षेत्र खाली करने की चेतावनी दी है। ये दोनों शहर ईरान की न्यूक्लियर फैसिलिटी वाले क्षेत्र माने जाते हैं।
पिछले कुछ वर्षों से मध्य पूर्व में ऐसे घातक हमले हो रहे हैं और हालात और भी बिगड़ सकते हैं, क्योंकि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि अमेरिका इस संघर्ष में सीधे शामिल हो सकता है।
डोनाल्ड ट्रंप, जो G7 समिट बीच में ही छोड़कर लौट आए, ने कहा कि इसका कारण सिर्फ युद्धविराम (ceasefire) नहीं बल्कि कोई बड़ी बात है। उन्होंने यह भी कहा कि ईरान बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन अमेरिका अब सीधे सैन्य कार्रवाई में शामिल हो सकता है।
ट्रंप ने पत्रकारों से कहा –
“मैं कर सकता हूं, मैं नहीं भी कर सकता… कोई नहीं जानता मैं क्या करने वाला हूं।”
यह बात उन्होंने वाइट हाउस के लॉन में मीडिया से बातचीत करते हुए कही, जब इज़राइल ने तेहरान में ईरान के “आंतरिक सुरक्षा मुख्यालय” पर हमला करने की बात स्वीकार की।