केले विटामिन, फाइबर, और पोटैशियम से भरपूर होते हैं, लेकिन क्या इन्हें खाली पेट खाना सही है? ज़रूरी नहीं। क्लिनिकल डाइटिशियन गरिमा गोयल बताती हैं कि खाली पेट सिर्फ केले खाने से कई समस्याएँ हो सकती हैं।
ब्लड शुगर स्पाइक और फिर क्रैश
केले में ग्लूकोज, फ्रुक्टोज और सुक्रोज जैसे प्राकृतिक शर्करा अधिक मात्रा में होते हैं। खाली पेट केवल केले खाने पर आपका ब्लड शुगर अचानक बढ़ सकता है, जिससे ऊर्जा का उतार-चढ़ाव होगा, आप सुस्त और भूखे महसूस कर सकते हैं।
एसिड–एल्कलाइन असंतुलन
अगर आपका पेट खाली हो, तो केले में मौजूद साइट्रिक और मालिक एसिड की वजह से एसिडिटी या पेट में जलन हो सकती है, खासकर जिन लोगों को गैस्ट्राइटिस या एसिड रिफ्लक्स की समस्या होती है।
पोषक तत्वों का असंतुलन
खाली पेट बहुत सारे पोटैशियम और मैग्नीशियम एक साथ लेने से किडनी में इनका स्तर अचानक बढ़ सकता है, जो विशेष रूप से किडनी संबंधी समस्याओं वाले व्यक्तियों के लिए जोखिम पैदा कर सकता है।
पाचन समस्या और बदहज़मी
केले में फाइबर और रेसिस्टेंट स्टार्च होते हैं, खासकर कच्चे केले में। अगर इन्हें खाली पेट खाया जाए तो गैस, फूलना या हल्का पेट दर्द हो सकता है।
कैसे खाएं केले, सही तरीका
गरिमा गोयल सुझाव देती हैं:
- केले को प्रोटीन या हेल्दी फैट्स के साथ खाएं, जैसे नट्स, दही या ओट्स , इससे शुगर की रिलीज़ संतुलित रहेगी और पेट लंबे समय तक भरा रहेगा।
केले की किस्म चुनें:
पके (पीले): मीठे, जल्दी पचने वाले; लेकिन शुगर स्पाइक का कारण बन सकते हैं।
अधपके (थोड़े हरे): रेसिस्टेंट स्टार्च अधिक, धीमी ऊर्जा रिलीज़।
लाल केला: एंटीऑक्सिडेंट अधिक, GI कम।
छोटे यानी इलायची/केरला केले: संतुलित शुगर प्रोफ़ाइल।
- केले ज्यादा मात्रा में न खाएं; एक मध्यम केला (~14 ग्राम शुगर) पर्याप्त रहता है रोज़ाना।
खाली पेट केला खाने से शुगर, एसिडिटी, पाचन और इलेक्ट्रोलाइट इम्बैलेंस की समस्या हो सकती है। लेकिन इसे प्रोटीन या हेल्दी फैट्स के साथ, सही प्रकार और मात्रा में खाने पर, यह एक स्वस्थ ऊर्जा स्रोत बन जाता है।