बिहार चुनाव से पहले भोजपुरी गायक रितेश पांडे और पूर्व IPS जयप्रकाश सिंह ने जन सुराज पार्टी का दामन थामा

बिहार चुनाव से पहले भोजपुरी गायक रितेश पांडे और पूर्व IPS जयप्रकाश सिंह ने जन सुराज पार्टी का दामन थामा
बिहार चुनाव से पहले भोजपुरी गायक रितेश पांडे और पूर्व IPS जयप्रकाश सिंह ने जन सुराज पार्टी का दामन थामा

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासी हलचल तेज हो गई है। इसी कड़ी में शुक्रवार को भोजपुरी गायक रितेश पांडे और पूर्व IPS अधिकारी जयप्रकाश सिंह ने जन सुराज पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। दोनों ने पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर की मौजूदगी में जन सुराज में शामिल होकर नया राजनीतिक सफर शुरू किया।

पार्टी में शामिल होने के मौके पर प्रशांत किशोर ने कहा, “हमने जानबूझकर यह दिन चुना जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार दौरे पर हैं। वे यहां आकर बड़ी-बड़ी बातें करके लोगों को लुभाने की कोशिश करेंगे, लेकिन हमारा मकसद जमीनी हकीकत को बदलना है।”

जयप्रकाश सिंह बोले: जन सुराज बनाएगा इतिहास

पूर्व IPS अधिकारी जयप्रकाश सिंह, जो सारण जिले के निवासी हैं और हिमाचल प्रदेश कैडर में ADGP रैंक तक पहुंचे थे, ने कहा कि उन्होंने 25 वर्षों की सेवा के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) इसलिए ली, क्योंकि वे मानते हैं कि “जन सुराज बिहार में इतिहास रचने जा रहा है।”

उन्होंने कहा कि यह केवल एक राजनीतिक आंदोलन नहीं बल्कि समाज परिवर्तन की दिशा में उठाया गया ठोस कदम है।

रितेश पांडे ने गाकर जताया समर्थन

इस मौके पर भोजपुरी सुपरस्टार रितेश पांडे ने एक फिल्मी अंदाज़ में गीत गाकर अपनी बात रखी। उन्होंने एक हिंदी गीत के माध्यम से जन सुराज पार्टी के उस संकल्प को उजागर किया, जिसमें राज्य के हर व्यक्ति को “अपनी धरती पर रोज़ी-रोटी” सुनिश्चित करने की बात कही गई है।

चुनाव से पहले सियासी समीकरणों में बदलाव

बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए जन सुराज पार्टी लगातार नए चेहरों को अपने साथ जोड़ रही है। प्रशांत किशोर की अगुवाई में पार्टी विकास, रोजगार और शिक्षा जैसे मुद्दों को केंद्र में रखकर आम जनता से सीधा जुड़ाव बनाने की कोशिश कर रही है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि रितेश पांडे जैसे चर्चित चेहरे और जयप्रकाश सिंह जैसे अनुभवी अफसर का पार्टी में आना, जन सुराज को चुनावी मैदान में अतिरिक्त ताकत दे सकता है।

जन सुराज पार्टी ने बिहार की राजनीति में खुद को एक वैकल्पिक विकल्प के रूप में पेश किया है। अब देखना होगा कि ये नई जोड़ियां जनता को कितनी प्रभावित कर पाती हैं और आने वाले चुनाव में यह गठबंधन किस हद तक असर डालता है।