पटना: बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी गर्मी चरम पर है। एनडीए ने जहां एक बार फिर नीतीश कुमार को अपना मुख्यमंत्री चेहरा घोषित कर दिया है, वहीं महागठबंधन में अभी तक इस मुद्दे पर तस्वीर साफ नहीं हुई है। हालांकि, आरजेडी तेजस्वी यादव को अपना नेता घोषित कर चुकी है, लेकिन कांग्रेस अब भी इस पर खुलकर कुछ कहने से बच रही है।
तेजस्वी का दावा: “बिना चेहरा के चुनाव नहीं लड़ेंगे”
एनडीटीवी को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में तेजस्वी यादव ने साफ कहा, “बिहार की जनता मालिक है, और हम उनके सामने बिना चेहरे के नहीं जाएंगे। मुख्यमंत्री पद के लिए चेहरा होगा और वह भी जल्द सामने आ जाएगा।” उन्होंने भरोसा जताया कि सीट बंटवारा 5 से 10 दिनों में फाइनल हो जाएगा।
तेजस्वी ने यह भी कहा कि यह चुनाव सिर्फ सत्ता का नहीं, न्याय, रोजगार और विकास का चुनाव है। उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि, “पिछले चुनाव में हमारी सीटें चोरी कर ली गईं। इस बार सीट टू सीट, जीत की संभावना के आधार पर बंटवारा होगा।”
ओवैसी और सहनी को लेकर क्या बोले तेजस्वी?
तेजस्वी ने साफ किया कि एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी से उनकी या लालू यादव की कोई बातचीत नहीं हुई है। वहीं, उन्होंने मुकेश सहनी को लेकर कहा कि वे गठबंधन से विश्वास के साथ जुड़े हैं, और अगर वे डिप्टी सीएम की मांग कर रहे हैं तो इसमें कुछ गलत नहीं है। उन्होंने बीजेपी समर्थित मीडिया पर खबरें प्लांट करने का भी आरोप लगाया।
बीजेपी का AI हमला: तेजस्वी-राहुल की ‘काल्पनिक’ बातचीत
तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री पद के दावेदारी वाले बयान पर बीजेपी ने अब एक नया डिजिटल हमला बोला है। बीजेपी ने एक एआई जेनरेटेड वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है, जिसमें तेजस्वी अपने पिता लालू यादव से शिकायत करते हुए नजर आते हैं कि “पापा, राहुल गांधी मेरा नाम नहीं लेते सीएम फेस के लिए।”
वीडियो में लालू यादव ‘काल्पनिक रूप से’ राहुल गांधी को फोन करते हैं और पूछते हैं कि वे तेजस्वी को महागठबंधन का चेहरा क्यों नहीं मानते। वीडियो में राहुल का जवाब और लालू का ‘पलटवार’ भी दिखाया गया है, जो व्यंग्यात्मक लहजे में तैयार किया गया है।
सोशल मीडिया पर मचा हलचल
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किए गए इस वीडियो को अब तक हजारों बार देखा जा चुका है। वीडियो को लेकर महागठबंधन समर्थकों में नाराजगी है, वहीं बीजेपी समर्थक इसे ‘सच के करीब’ बता रहे हैं।
निष्कर्ष:
जहां एक ओर एनडीए ने अपनी रणनीति स्पष्ट कर दी है, वहीं महागठबंधन के भीतर सीएम फेस और सीट बंटवारे को लेकर असमंजस अब धीरे-धीरे सतह पर आ रहा है। कांग्रेस की चुप्पी और तेजस्वी की बेचैनी के बीच बीजेपी ने एआई को हथियार बनाकर तंज कसने में कोई कसर नहीं छोड़ी। आगामी दिनों में देखना दिलचस्प होगा कि क्या महागठबंधन एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरता है, या फिर आंतरिक खींचतान के चलते विपक्ष को नुकसान उठाना पड़ेगा।