पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सीमांचल क्षेत्र में अपनी चार दिवसीय ‘सीमांचल न्याय यात्रा’ की शुरुआत कर दी है। यह यात्रा 24 सितंबर को किशनगंज से शुरू हुई और 27 सितंबर को समाप्त होगी। ओवैसी ने इस दौरे को चुनाव प्रचार का हिस्सा बताते हुए कहा कि सीमांचल की जनता से संवाद और जनसभाएं इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य हैं।
ओवैसी ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, “यह कहना गलत है कि चुनाव प्रचार अब शुरू हो रहा है। हमारे बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान के नेतृत्व में काम पहले से चल रहा है। अब सीमांचल में हमारा चार दिवसीय दौरा है, जिसमें हम जनता से मिलेंगे और जनसभाएं करेंगे।”
सीमांचल: मुस्लिम बहुल इलाका, AIMIM का फोकस
सीमांचल क्षेत्र, जिसमें किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार जिले शामिल हैं, मुस्लिम बहुल माना जाता है। 2020 के विधानसभा चुनाव में AIMIM ने इन चार जिलों में से पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी। हालांकि, बाद में इन पांच में से चार विधायक राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में शामिल हो गए। ओवैसी एक बार फिर इस क्षेत्र में अपनी पार्टी को मजबूत करने की कोशिश में लगे हैं।
RJD का गढ़ था सीमांचल, AIMIM ने भरी सेंध
सीमांचल एक समय RJD का मजबूत गढ़ माना जाता था, विशेष रूप से मोहम्मद तसलीमुद्दीन के नेतृत्व में। लेकिन 2017 में उनके निधन के बाद RJD की पकड़ कमजोर हुई, जिसका फायदा AIMIM ने उठाया। अब ओवैसी इस क्षेत्र में फिर से जनाधार बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।
AIMIM ने किया महागठबंधन में शामिल होने का प्रस्ताव
AIMIM ने बिहार में RJD नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा भी जताई थी। ओवैसी ने बताया कि पार्टी की ओर से लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव को तीन बार पत्र लिखे गए, जिसमें छह सीटों की मांग की गई थी। लेकिन RJD की ओर से कोई जवाब नहीं मिला। ओवैसी ने कहा, “हम मंत्री पद नहीं चाहते थे, केवल बराबरी का सम्मान चाहते थे। लेकिन RJD ने हमें सहयोगी नहीं, गुलाम समझा।”
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, RJD AIMIM को महागठबंधन में शामिल करने से बच रही है, क्योंकि इससे मुस्लिम वोटों का विभाजन हो सकता है और BJP को ‘तुष्टिकरण की राजनीति’ का आरोप लगाने का मौका मिल सकता है।
BJP भी सीमांचल पर नजरें गड़ाए
भले ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने ओवैसी की यात्रा को सार्वजनिक रूप से महत्वहीन बताया हो, लेकिन पार्टी सीमांचल की राजनीतिक हलचलों पर पैनी नजर रखे हुए है। 2020 के चुनाव में BJP ने सीमांचल क्षेत्र में आठ सीटें जीती थीं। भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने AIMIM की रणनीति को “शुद्ध वोट बैंक की राजनीति” बताया।
बिहार चुनावी परिदृश्य में सीमांचल एक बार फिर निर्णायक भूमिका निभाने जा रहा है। AIMIM की न्याय यात्रा न केवल इस क्षेत्र में उसके जनाधार को फिर से सक्रिय करने की कोशिश है, बल्कि यह RJD और BJP दोनों के लिए एक राजनीतिक चुनौती भी बनती जा रही है। चुनाव नजदीक आते ही सीमांचल की सियासत और भी गर्माने की संभावना है।













