सोमवार, 8 जुलाई को कर्नाटक के भाजपा विधायक भरत शेट्टी ने एक विवादित बयान देते हुए कहा कि विपक्ष के नेता (एलओपी) राहुल गांधी को उनके कथित हिंदू विरोधी बयान के लिए संसद के अंदर बंद करके थप्पड़ मारना चाहिए।
इस मुद्दे पर बोलते हुए मैंगलोर सिटी नॉर्थ के विधायक शेट्टी ने कहा, “एलओपी राहुल गांधी को संसद के अंदर बंद करके थप्पड़ मारना चाहिए। ऐसा करने से सात से आठ एफआईआर दर्ज हो जाएंगी। अगर एलओपी राहुल गांधी मैंगलोर शहर आते हैं, तो हम उनके लिए भी यही व्यवस्था करेंगे।”
राहुल गांधी पर हिंदू भगवान शिव की तस्वीर रखने का आरोप लगाते हुए शेट्टी ने कहा,
“पागल को नहीं पता कि अगर भगवान शिव ने अपनी तीसरी आंख खोली, तो वह (एलओपी) भस्म हो जाएंगे। उन्होंने हिंदू विरोधी नीति अपनाई है। यह स्पष्ट है कि एलओपी राहुल गांधी एक पागल हैं। उन्हें लगता है कि हिंदू उनके बारे में जो कुछ भी कहेंगे, उसे चुपचाप सुन लेंगे। अगर वह संसद में ‘भौंकेंगे’, तो स्थानीय नेता यहां अपनी दुम हिलाना शुरू कर देंगे।”
भरत शेट्टी के आरोप
हिंदू धर्म और संस्थाओं की रक्षा करने के लिए भाजपा के कर्तव्य पर जोर देते हुए शेट्टी ने चेतावनी दी कि कांग्रेस ने यह संदेश देना शुरू कर दिया है कि हिंदू और हिंदुत्व अलग-अलग हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे नेताओं की वजह से भविष्य में हिंदुओं को खतरे का सामना करना पड़ेगा।
इसके अलावा उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी जिस क्षेत्र में जाते हैं, उसके आधार पर अपना रुख बदल लेते हैं। शेट्टी ने दावा किया, “जब वे गुजरात आते हैं, तो नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भगवान शिव के भक्त बन जाते हैं।”
हाल के आम चुनावों में राहुल गांधी के प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए शेट्टी ने कहा, “आम चुनाव में केवल 99 लोकसभा सीटें मिलने के बाद नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी बड़ी उपलब्धि हासिल करने का दावा कर रहे हैं।”
‘हिंदू धर्म’ पर राहुल गांधी
लोकसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर अपने पहले भाषण में गांधी ने तब विवाद खड़ा कर दिया जब उन्होंने कहा कि सत्ताधारी पार्टी के नेता हिंदू नहीं हैं क्योंकि वे चौबीसों घंटे ‘हिंसा और नफरत’ में लिप्त रहते हैं। उनकी इस टिप्पणी पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने भारी विरोध जताया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधी पर पूरे हिंदू समुदाय को हिंसक कहने का आरोप लगाया।
राहुल गांधी ने हर धर्म में अहिंसा के उपदेशों की ओर इशारा करते हुए कहा कि “जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं वे केवल हिंसा की बात करते हैं”, जिससे सत्ता पक्ष में भारी हंगामा हुआ। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उनकी टिप्पणी पर आपत्ति जताई।
राहुल गांधी ने कहा, “अभयमुद्रा कांग्रेस का प्रतीक है…अभयमुद्रा निर्भयता का संकेत है, आश्वासन और सुरक्षा का संकेत है, जो डर को दूर करता है और हिंदू धर्म, इस्लाम, सिख धर्म, बौद्ध धर्म और अन्य भारतीय धर्मों में दिव्य सुरक्षा और आनंद प्रदान करता है…हमारे सभी महापुरुषों ने अहिंसा और भय को खत्म करने की बात की है…लेकिन, जो खुद को हिंदू कहते हैं वे केवल हिंसा, नफरत, असत्य की बात करते हैं…आप हिंदू हो ही नहीं…।”