विराट कोहली ने सोमवार को टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास लेकर फैंस और क्रिकेट जगत को चौंका दिया। जहां कई लोग इस फैसले से हैरान रह गए, वहीं कुछ लोगों को पहले से इसके संकेत मिल चुके थे। एक नई वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की शुरुआत से पहले विराट जानते थे कि टीम को बेहतर करने के लिए बदलाव जरूरी हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, विराट एक बार फिर से टीम की कप्तानी करना चाहते थे, लेकिन बीसीसीआई की रणनीति कुछ और ही थी। क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार, विराट को पहले ही बता दिया गया था कि टेस्ट कप्तानी किसी युवा खिलाड़ी को दी जाएगी। इसी वजह से उन्होंने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने का निर्णय लिया।
खबरों में यह भी दावा किया गया है कि विराट मौजूदा टीम मैनेजमेंट से उस तरह का माहौल, समर्थन और आजादी नहीं पा रहे थे, जैसा पहले के दौर में मिलता था। टीम का वर्तमान वातावरण पहले की तुलना में पूरी तरह बदल चुका है।
पिछले तीन सालों से विराट का प्रदर्शन भी खास नहीं रहा है। उनका औसत सिर्फ 32 का रहा है, और 36 साल की उम्र में वह अब खुद को एक नई चुनौती देना चाहते हैं। यही कारण था कि उनके लिए टेस्ट क्रिकेट खेलना अब आसान नहीं रह गया था।
रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया है कि विराट ने यह फैसला लेने से पहले रवि शास्त्री से चर्चा की थी, जो उनके करीबी और भारत के पूर्व कोच रह चुके हैं। उन्होंने बीसीसीआई के पूर्व सचिव जय शाह से भी बातचीत की, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि वह बातचीत कितनी आगे बढ़ पाई।
विराट और बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला के बीच एक मीटिंग भी होनी थी, लेकिन भारत-पाकिस्तान के मौजूदा राजनीतिक हालातों की वजह से वह बैठक नहीं हो सकी। उन्होंने चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर से भी दो बार फोन पर बात की थी, लेकिन इससे भी उनके फैसले पर असर नहीं पड़ा।
अगर बीसीसीआई इंग्लैंड सीरीज के बाद बदलाव करता, तो विराट और रोहित दोनों को उस सीरीज के बाद टेस्ट क्रिकेट से विदाई लेनी पड़ती। लेकिन बोर्ड ने नई वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के चक्र की शुरुआत अपनी योजना के मुताबिक करने का निर्णय लिया, और इसी कारण यह अहम फैसला लिया गया।