नई दिल्ली: भारतीय जूडो खिलाड़ी हिमांशी टोकस ने इतिहास रचते हुए महिलाओं के 63 किलो वर्ग में जूनियर वर्ल्ड रैंकिंग में विश्व नंबर एक की उपलब्धि हासिल की है। यह पहली बार है जब किसी भारतीय जूडो खिलाड़ी ने इस प्रतिष्ठित स्थान को प्राप्त किया है।
इसी के साथ भारत की शाहिन रजकभाई दारजड़ा महिलाओं के 57 किलो वर्ग में चौथे स्थान पर हैं। यह भी अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है क्योंकि पहली बार दो भारतीय खिलाड़ियों ने अपनी-अपनी श्रेणियों में टॉप फाइव में जगह बनाई है।
20 वर्षीय हिमांशी ने तीन स्थान की छलांग लगाकर 610 अंकों के साथ रैंकिंग की टॉप पर पहुंचीं। उन्हें रिलायंस फाउंडेशन का समर्थन प्राप्त है। हिमांशी की यह उपलब्धि पिछले सप्ताह 13 सितंबर को संपन्न हुए एशियन जूनियर चैंपियनशिप में उनकी जीत के बाद मिली, जो इस वर्ष उनकी तीसरी बड़ी जीत थी।
इससे पहले हिमांशी ने जुलाई में ताइपेई जूनियर एशियन कप 2025 में और जनवरी में कासाब्लांका अफ्रीकन ओपन 2025 में अपनी वेट क्लास में पहला स्थान हासिल किया था। इस वर्ष उन्होंने कुल पांच प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक जीते हैं, जिनमें एक कॉन्टिनेंटल चैंपियनशिप, तीन कॉन्टिनेंटल कप प्रतियोगिताएं और एक कॉन्टिनेंटल ओपन चैंपियनशिप शामिल हैं।
वहीं सीनियर वर्ग में हिमांशी 63 किलो वर्ग की महिलाओं की विश्व रैंकिंग में 61वें स्थान पर हैं, जहाँ उनके कुल 611 अंक हैं।
हिमांशी की यह सफलता भारतीय जूडो के लिए गर्व का विषय है और युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बनकर उभरी है। इससे साफ संकेत मिलता है कि भारत की जूडो प्रतिभाएं विश्व स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत कर रही हैं।