
उत्तरकाशी: उत्तराखंड के पत्रकार राजीव प्रताप (36) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला सामने आया है। 18 सितंबर को लापता हुए राजीव की कार भागीरथी नदी में मिली थी, और 28 सितंबर को उनका शव बरामद किया गया। पुलिस का कहना है कि यह एक हादसा था, लेकिन परिवार ने इस पर सवाल उठाए हैं और साजिश की आशंका जताई है। राजीव प्रताप एक स्वतंत्र पत्रकार थे और उत्तरकाशी जिले में कार्यरत थे। 18 सितंबर को वे अचानक लापता हो गए। खोजबीन के दौरान उनकी कार भागीरथी नदी में मिली, जिससे पहले दिन से ही दुर्घटना की आशंका जताई जा रही थी।
हालांकि, राजीव के परिजनों का कहना है कि वह किसी बड़ी खबर पर काम कर रहे थे और उनकी अचानक हुई मौत संदेहास्पद है। परिवार ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है और कहा है कि पुलिस द्वारा जल्दबाज़ी में इसे हादसा बताना कई सवाल खड़े करता है। पुलिस का कहना है कि प्रारंभिक जांच में कोई आपराधिक साक्ष्य नहीं मिले हैं, लेकिन वे सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। राजीव की मौत ने पत्रकार समुदाय में भी चिंता और आक्रोश पैदा कर दिया है। स्थानीय पत्रकार संगठनों ने निष्पक्ष और गहन जांच की मांग करते हुए कहा है कि यदि यह कोई आपराधिक घटना है, तो दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाना चाहिए। मामले की जांच जारी है।