
लेह: केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर लेह में मंगलवार को भीषण झड़पें हुईं। हालात तब बिगड़े जब शांतिपूर्ण प्रदर्शन अचानक हिंसक हो गया और प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। पुलिस ने हालात पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया।
यह प्रदर्शन सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के नेतृत्व में हो रहा था, जो पिछले 35 दिनों से अनशन पर हैं। इस प्रदर्शन में सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया, और यह लद्दाख के लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांगों की अभिव्यक्ति बन गया।
टॉप 10 बड़ी बातें: लेह प्रदर्शन में हिंसा
- बीजेपी कार्यालय में आगजनी: प्रदर्शनकारियों ने लेह स्थित भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कार्यालय में आग लगा दी। इसके अलावा वहां खड़ी एक सुरक्षा वाहन को भी फूंक दिया गया।
- हिंसा का अब तक का सबसे गंभीर रूप: अधिकारियों के अनुसार, अब तक के आंदोलन में यह हिंसा की सबसे गंभीर घटना थी।
- पुलिस की कार्रवाई: पुलिस ने पथराव का जवाब आंसू गैस और लाठीचार्ज से दिया, जिससे कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए।
- लेह में बंद: पूरे लेह में पूर्ण बंद का ऐलान किया गया था, जिसमें आम जनजीवन प्रभावित हुआ।
- 6 अक्टूबर को केंद्र से बातचीत: केंद्र सरकार और लद्दाख प्रतिनिधियों के बीच 6 अक्टूबर को बातचीत प्रस्तावित है। इन प्रतिनिधियों में लेह एपेक्स बॉडी (LAB) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) के सदस्य शामिल हैं।
- अनशन पर बैठे लोगों की हालत बिगड़ी: 15 लोगों के समूह में से दो को तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिससे LAB की युवा इकाई ने प्रदर्शन और बंद का आह्वान किया।
- राजनीतिक प्रतिनिधित्व की कमी: प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि 2019 में लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बनाए जाने के बाद से वहां कोई जनप्रतिनिधि नहीं है जो क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को उठा सके।
- लद्दाख महोत्सव रद्द: 4-दिवसीय लद्दाख महोत्सव के अंतिम दिन कार्यक्रम रद्द कर दिया गया। लेफ्टिनेंट गवर्नर कविंदर गुप्ता समारोह में शामिल होने वाले थे।
- अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात: हालात को नियंत्रण में लाने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। संवेदनशील इलाकों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
- प्रदर्शनकारियों की मांगें: प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांग है कि लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए और उसे पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए, जिससे वहां के जनजातीय समाज को संवैधानिक संरक्षण और राजनीतिक अधिकार मिल सकें।
प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा है कि बातचीत के जरिये समाधान की कोशिशें जारी हैं। लेकिन फिलहाल, लद्दाख में जन असंतोष और प्रशासन के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है।












