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सोशल मीडिया पर क्यों हो रहा है #BycottMaldives ट्रेंड?

Boycott Maldives Issue Debate

सोशल मीडिया पर इस समय Lakshydveep VS maldive की एक जंग छिड़ी हुई है और #Boycottmaldive ट्रेंड कर रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी की 4 जनवरी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद ये बहस शुरू हुई है। पीएम की इस यात्रा से अटकलें लगाईं गयी कि भारत लक्षद्वीप में पर्यटन को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है। पीएम मोदी के दौरे के बाद से लक्षद्वीप गूगल सर्च इंजन पर सबसे ज्यादा सर्च किया जाने वाला कीवर्ड रहा है।

शुक्रवार को, 50,000 से अधिक लोगों ने केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप को गूगल पर सर्च किया, इसकी वजह पीएम मोदी की सोशल मीडिया पर पोस्ट भी रही, जिसमें उन्होंने लक्षद्वीप की आश्चर्यजनक सुंदरता और वहां के लोगों की गर्मजोशी के बारे में लिखा।

नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद सोशल मीडिया पर मुख्य आग भड़काने का काम मालदीव की सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के ट्वीट ने किया। इन ट्वीट्स में पीएम नरेंद्र मोदी का मजाक उड़ाया गया तो भारतीयों को गंदा कहते हुए नस्लीय टिप्पणियां की गईं। इसमें जाहिर रमीज और मरियम शिउना खासतौर से अपने कमेंट के चलचते सोशल मीडिया पर भारतीयों के निशाने पर आए। इसी का नतीजा था कि सोशल मीडिया पर रविवार को बायकॉट मालदीव ट्रेंड करने लगा।

भारतीय रद्द करने लगे मालदीव की यात्रा!

इस विवाद के बीच कुछ भारतीयों ने दावा कि कई लोगों ने मालदीव जाने के प्लान को बदल दिया है। कुछ लोगों ने अपनी रद्द की गई मालदीव यात्रा से जुड़ी तस्वीरें पोस्ट करते हुए मालदीव सरकार को आर्थिक नुकसान की बात कही। कई फिल्मी सितारों ने भी लक्षद्वीप को प्रमोट किया है। दोनों देशों के बीच इस तनाव की एक वजह ये भी है कि यह सब ऐसे समय में हो रहा है जब भारत मालदीव में अपने सैनिकों और सैन्य उपकरणों को रखने के लिए दबाव बना रहा है।

दोनों देशों के बीच सोशल मीडिया पर छिड़ी इस जंग पर मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने भी बयान दिया है। मोहम्मद नशीद ने खासतौर से मालदीव की युवा सशक्तिकरण और सूचना और मंत्री मरियम शिउना के बयान से एतराज जताया है। मोहम्मद नशीद ने अपने ट्वीट में लिखा, मालदीव सरकार की एक प्रतिनिधि मरियम शिउना कितनी भयावह भाषा बोल रही हैं। वो भी एक ऐसे प्रमुख सहयोगी देश के नेता के लिए, जिससे संबंध मालदीव की सुरक्षा और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है। मुइज्जू सरकार को इन टिप्पणियों से खुद को दूर रखना चाहिए।

मालदीव सरकार का पक्ष

मालदीव सरकार ने रविवार को एक बयान जारी कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा पर मंत्री शिउना की टिप्पणी पर अपना रुख स्पष्ट किया। मालदीव सरकार, जिसने भारत से पर्यटकों की संख्या रद्द होने में अचानक वृद्धि देखी, ने कहा कि वे ऐसी “अपमानजनक टिप्पणी” करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेंगे।

Big Boss 17 (Exclusive): बिग बॉस के घर में हुई ORRY की Wild Card Entry

orry big boss 17 wild card entry

Orhan Awatramani, जिन्हें ‘ओरी’ के नाम से भी जाना जाता है, सभी पार्टियों और प्रीमियर में अपनी उपस्थिति के कारण B-Town और इंटरनेट पर चर्चा का विषय बने हुए हैं। उन्हें अक्सर जान्हवी कपूर, निसा देवगन, अनन्या पांडे और शनाया कपूर सहित अन्य लोगों के साथ पार्टी करते देखा जाता है, और हाल ही में, एक कार्यक्रम से उनकी तस्वीरें, जैसे उन्होंने दीपिका पादुकोण, क्रिकेटर शुबमन गिल और अन्य के साथ पोस्ट कीं, जो की इंटरनेट पर काफी प्रचलित हुई।

Universal Gen Z BF‘ के नाम से मशहूर Orry अपने बोल्ड फैशन विकल्पों के लिए भी सुर्खियां बटोरते हैं। और अब वे बिग बॉस 17 में वाइल्ड कार्ड एंट्री के साथ हिस्सा लेने वाले है।

‘Orry कौन है’ को लेकर उत्सुकता के बीच, कियारा आडवाणी का उनके बारे में बोलने वाला पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर फिर से सामने आया है

Video by ZOOM

रियलिटी शो से जुड़े एक सूत्र ने बताया, ‘ओरी ने आज (24 नवंबर 2023) से रिअलिटी शो में शामिल हुए जहां शो के होस्ट सलमान खान के साथ अपना एंट्री सीक्वेंस शूट किया और बॉलीवुड के भाईजान घर के अंदर दर्शकों और प्रतियोगियों उन्हें से कराया। अब वह बीच में ही घर छोड़ देंगे या अंत तक रहेंगे, यह अभी तक पता नहीं चला है।’

बॉलीवुड की मशहूर हस्तियों के साथ उनकी तस्वीरें इंटरनेट पर धूम मचा रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप कई मीम्स बन रहे हैं और नेटिज़न्स पूछ रहे हैं, ‘ये ओरी कौन है?’ उनकी एंट्री निश्चित रूप से अधिक लोगों का ध्यान खींचेगी और दर्शकों के बीच दिलचस्पी पैदा करेगी।

बनना चाहते है एक्सपर्ट डिजिटल मार्केटर जरूर पढ़े ये 10 किताबे

सभी उद्योगों में डिजिटल मार्केटिंग का महत्व बढ़ रहा है, जिससे यह एक सफल करियर का अभिन्न अंग बन गया है। डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में विशेषज्ञ बनने के लिए, आपको नवाचारों, अपडेट और तकनीकी जानकारी सहित ज्ञान का खजाना जमा करने की आवश्यकता है। इस ब्लॉग में, हम आपको 10 आवश्यक पुस्तकों के लिए सुझाव प्रदान करेंगे जो डिजिटल मार्केटिंग विशेषज्ञ बनने की आपकी यात्रा में आपकी सहायता कर सकते हैं।

Digital Marketing 5.0

Author: Rajat Kharebanda

ऑनलाइन सफलता के लिए एडवांस स्ट्रेटेजी” – भारत के डिजिटल मार्केटिंग गुरु, रजत खरेबंदा द्वारा लिखित, यह पुस्तक डिजिटल मार्केटिंग में नवीनतम रुझानों और रणनीतियों की खोज करती है। यह ऑनलाइन मार्केटिंग की लगातार विकसित हो रही दुनिया में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करती है।

The Art of SEO

Author: Eric Enge, Stephan Spencer, and Jessie Stricchiola

SEO डिजिटल मार्केटिंग की आधारशिला है। यह व्यापक मार्गदर्शिका बुनियादी सिद्धांतों से लेकर उन्नत तकनीकों तक सब कुछ शामिल करती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि आपके पास Search Engine Optimization में एक मजबूत आधार है।

Influence: The Psychology of Persuasion

Author: Robert B. Cialdini

डिजिटल मार्केटिंग में उपभोक्ता के व्यवहार और अनुनय को समझना महत्वपूर्ण है। Cialdini का क्लासिक कार्य प्रभाव के मनोविज्ञान पर प्रकाश डालता है, जिससे आपको Effective Marketing Strategies तैयार करने में मदद मिलती है।

Contagious: How to Build Word of Mouth in the Digital Age

Author: Jonah Berger

सोशल मीडिया के युग में, यह समझना महत्वपूर्ण है कि सामग्री किस कारण से वायरल होती है। बर्जर की पुस्तक आपके दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने वाली Viral Content बनाने में insight प्रदान करती है।

Jab, Jab, Jab, Right Hook: How to Tell Your Story in a Noisy Social World

Author: Gary Vaynerchuk

सोशल मीडिया मार्केटिंग डिजिटल मार्केटिंग का एक महत्वपूर्ण component है। वायनेरचक की पुस्तक प्रभावी सोशल मीडिया रणनीतियों को तैयार करने पर कार्रवाई योग्य सलाह प्रदान करती है।

Google Analytics 4 for Beginners

Author: Himanshu Sharma

डिजिटल मार्केटिंग में डेटा विश्लेषण महत्वपूर्ण है। हिमांशु शर्मा की पुस्तक Google Analytics पर केंद्रित है, जो आपको अपने मार्केटिंग प्रयासों को बेहतर बनाने के लिए डेटा की शक्ति का उपयोग करने में मदद करती है।

Building a StoryBrand: Clarify Your Message So Customers Will Listen

Author: Donald Miller

Effective Storytelling सफल मार्केटिंग के केंद्र में है। मिलर की पुस्तक compelling brand narratives बनाने के लिए एक रूपरेखा प्रदान करती है।

Email Marketing Rules

Author: Chad S. White

ईमेल मार्केटिंग आज भी बहुत प्रभावी है। व्हाइट की पुस्तक आपके दर्शकों को engage करने वाले effective email marketing campaign तैयार करने में insight प्रदान करती है।

Digital Marketing for Dummies

Author: Ryan Deiss and Russ Henneberry

यह Beginner-friendly guide डिजिटल मार्केटिंग विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला को कवर करती है, जो इस क्षेत्र में अपनी journey करना चाहते है उनके लिए बेहतरीन resource है।

Killing Marketing: How Innovative Businesses Are Turning Marketing Cost into Profit

Author: Joe Pulizzi and Robert Rose

यह पुस्तक मार्केटिंग के innovative approaches की खोज करती है, जिससे आपको traditional marketing पर पुनर्विचार करने और बेहतर परिणाम प्राप्त करने में मदद मिलती है।

गुजरात: 11 साल की लड़की ने जीता ‘बेस्ट गरबा’ का अवॉर्ड, प्रतियोगियों ने पिता को उतारा मौत के घाट

राजकोट: ‘सर्वश्रेष्ठ गरबा’ का पुरस्कार जीतने की खुशी 11 साल की एक लड़की के लिए दुख में बदल गई, जिसके पिता को मंगलवार तड़के गुजरात के पोरबंदर शहर में आयोजकों सहित छह लोगों ने पीट-पीटकर मार डाला।

कृपाली ओडेदरा नाम की लड़की को दो श्रेणियों में पुरस्कार के लिए चुना गया था, लेकिन जब उसकी मां ‘माली’ उसे लेने कार्यक्रम स्थल पर गईं, तो लड़की ने उन्हें बताया कि उसे केवल एक पुरस्कार मिला है।

इसके बाद माली गरबा आयोजक ‘राजू केसवाला’ के पास गए और केवल इसके बारे में पूछताछ की। हालाँकि, केसवाला ने उनसे बेरुखी से कहा कि कुछ नहीं किया जा सकता क्योंकि कार्यक्रम ख़त्म हो चुका है। इसके परिणामस्वरूप बहस शुरू हुईं। कुछ समय पश्चात केसवाला और सह-आयोजक राजा कुचड़िया की पत्नियाँ लड़ाई में शामिल हो गईं और उन्होंने कथित तौर पर ‘माली’ को तुरंत कार्यक्रम स्थल न छोड़ने पर जान से मारने की धमकी दी।

माली रात करीब 1 बजे घर लौटी और अपने पति सरमन के साथ घर के बाहर बैठी थी. रात करीब ढाई बजे चार बाइक पर कुछ लोग वहां आये और मोटे लकड़ी के डंडों से सरमन को पीटना शुरू कर दिया. वे उसे जबरदस्ती बाइक पर बिठाकर गरबा स्थल पर ले गए जहां उसे फिर से पीटा गया।

उसकी परेशान पत्नी ने पुलिस को सूचित किया और कार्यक्रम स्थल पर पहुंची। सरमन को सिविल अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पुलिस ने केसवाला, कुचड़िया, उनकी पत्नियों प्रतीक बोरानिया और रामदे बोखिरिया और कुछ अज्ञात लोगों पर हत्या, अपहरण और दंगा करने का मामला दर्ज किया है।

World Cup 2023: ऑस्ट्रेलिया की जीत ने पाकिस्तान को दिया टेंशन, Points Table में मची उथल-पुथल, ऐसे बदला पूरा समीकरण

ICC World Cup 2023 Point Table

वर्ल्ड कप 2023 के 18वें मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान को 62 रन से हराकर प्वाइंट टेबल में उथल -पुथल मचा दी है. दरअसल, एक समय जो ऑस्ट्रेलिया टॉप 5 में भी नहीं थी, अब वहीं ऑस्ट्रेलिया टॉप 4 में अपनी जगह बना पाने में सफल हो गई है. ऑस्ट्रेलिया ने लगातार दो मैच जीतकर अपनी स्थिति को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है. ऑस्ट्रेलिया अब 4 मैच में 2 मैच में जीत और 2 मैच में हार के साथ चौथे नंबर पर पहुंच गया है. उसके पास 4 अंक हैं और -0.193 नेट रनरेट है. वहीं, पाकिस्तान को बड़ा नुकसान हुआ है. पाक टीम प्वाइंट्स टेबल में पांचवें नंबर पर खिसक गई है. पाकिस्तान अब 4 अंक और -0.456 के साथ पांचवें नंबर पर है.

इसके अलावा टॉप पर इस समय न्यूजीलैंड की टीम है. कीवी टीम 8 अंक और +1.923 नेट रनरेट के साथ पहले नंबर पर है. भारतीय टीम भी 8 अंक और +1.659 नेट रन रेट के साथ दूसरे नंबर पर मौजूद हैं. भारत और न्यूजीलैंड (IND vs NZ World Cup match) के बीच 22 अक्टूबर को मुकाबला होने वाला है. उस मैच में जो भी टीम जीतेगी वह टीम नंबर वन पर पहुंच जाएगी.

छठे नंबर पर इस समय इंग्लैंड है तो वहीं 7वें नंबर पर बांग्लादेश की टीम मौजूद हैं. नीदरलैंड्स आठवें नंबर पर है. अफगानिस्तान नौवें और आखिरी पायदान पर श्रीलंका की टीम है. श्रीलंका और नीदरलैंड्स का मैच आज यानी 21 अक्टूबर को होने वाला है. आज हर हाल में श्रीलंका को बड़े अंतर से मैच को जीतना होगा. इसेक अलावा अज साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड का मुकाबला है, यानी आज दो मुकाबले खेले जाने वाले हैं. आज जो भी टीम जीतेगी वह टीम प्वाइंट्स टेबल में अपनी स्थिति को सुधारने में सफल रहेगी.

Navratri 5th Day 2023: आज है नवरात्रि का पांचवां दिन, मां स्कंदमाता को लगाएं खीर का भोग, पूरी होगी हर मनोकामना

Navratri 2023 5th Day: आज नवरात्र का पांचवां दिन है। शारदीय नवरात्र के पंचमी तिथि को मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की पूजा का विधान है। देवताओं के सेनापति कहे जाने वाले स्कंद कुमार यानि कार्तिकेय जी की माता होने के कारण ही देवी मां को स्कंदमाता कहा जाता है। इनके विग्रह में स्कंदजी बालरूप में माता की गोद में बैठे हैं। माता का रंग पूर्णतः सफेद है और ये कमल के पुष्प पर विराजित रहती हैं, जिसके कारण इन्हें पद्मासना भी कहा जाता है। देवी मां की चार भुजाएं हैं। ऊपर की दाहिनी भुजा में ये अपने पुत्र स्कंद को पकड़े हुए हैं और इनके निचले दाहिने हाथ और एक बाएं हाथ में कमल का फूल है जबकि माता का दूसरा बायां हाथ अभय मुद्रा में रहता है। माना जाता है कि देवी मां अपने भक्तों पर ठीक उसी प्रकार कृपा बनाए रखती हैं, जिस प्रकार एक मां अपने बच्चों पर बनाकर रखती हैं। देवी मां अपने भक्तों को सुख-शांति और समृद्धि प्रदान करती हैं।

साथ ही स्कंदमाता हमें सिखाती हैं कि हमारा जीवन एक संग्राम है और हम स्वयं अपने सेनापति हैं। लिहाजा देवी मां से हमें सैन्य संचालन की प्रेरणा भी मिलती है। नवरात्र के पांचवें दिन आपको स्कंदमाता की पूजा करके अवश्य ही लाभ उठाना चाहिए। साथ ही देवी मां के इस मंत्र का 11 बार जप भी करना चाहिए। इसके अलावा नवरात्र में हर दिन ही माता को कुछ न कुछ भेंट करने का विधान है। आज नवरात्र के पांचवें दिन देवी मां को अंगराग, यानि सौंदर्य प्रसाधन की चीजें और अपने सामर्थ्य अनुसार आभूषण चढ़ाने का विधान है।

स्कंदमाता को लगाएं ये भोग

मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता को सफेद रंग अत्यंत प्रिय है, इसलिए नवरात्र के पांचवें दिन माता रानी को दूध और चावल से बनी खीर और केले का भोग लगाएं।

स्कंदमाता का मंत्र

सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चित करद्वया। शुभदास्तु सदा देवी स्कंदमाता यशस्विनी॥

या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

Rahu Ketu Gochar – 30 अक्टूबर को राहु और केतु का गोचर, अगले 18 महीने ये राशियां रहें संभलकर, जीवन में मचेगी उथल-पुथल

rahu ketu gochar

Rahu And Ketu Gochar 2023: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नवग्रह एक समय के बाद राशि परिवर्तन करते हैं जिसका असर हर राशि के जातकों के जीवन पर असर पड़ता है। ऐसे ही अक्टूबर के अंत में पापी ग्रह राहु और केतु राशि परिवर्तन कर रहे हैं। बता दें कि 30 अक्टूबर तक को दोपहर 2 बजकर 13 मिनट पर राहु महाराज मंगल देव जी के प्रतिनिधित्व वाली मेष राशि से निकलकर देव गुरु के अधीन मीन राशि में प्रवेश कर जाएंगे। वहीं, 30 अक्टूबर 2023 को दोपहर 2 बजकर 13 मिनट पर शुक्र ग्रह के प्रतिनिधित्व वाली तुला राशि से निकल कर बुध ग्रह के स्वामित्व वाली कन्या राशि में गोचर करेंगे। राहु और केतु के राशि परिवर्तन से हर राशि के जातकों के जीवन में किसी न किसी तरह से प्रभाव जरूर पड़ेगा। दोनों ही ग्रह करीब 18 महीने तक रहने के बाद राशि परिवर्तन कर लेंगे। आइए जानते हैं राहु और केतु के राशि परिवर्तन से किन राशियों के जीवन में उथल-पुथल मच सकती है।

मेष राशि (Aries Zodiac)

राहु और केतु के राशि परिवर्तन करने से मेष राशि के जातकों को थोड़ा संभलकर रहने की जरूरत है। वैवाहिक जीवन में थोड़ी सी परेशानियां उत्पन्न हो सकती है। जीवनसाथी के व्यक्तित्व में आया बदलाव आपको परेशान कर सकता है। ऐसे में थोड़ा संभलकर रहने की जरूरत है। स्वास्थ्य को थोड़ा सा सतर्क रहने की जरूरत है। इसके साथ ही बेवजह खर्च से परेशान हो सकते हैं। नौकरी में भी थोड़ा सा संभलकर रहने की जरूरत है।

वृषभ राशि (Taurus Zodiac)

इस राशि में केतु दूसरे भाव और राहु अष्टम भाव में गोचर कर रहे हैं। ऐसे में वृषभ राशि के जातकों को थोड़ा संभलकर रहने की जरूरत है। फिजूल खर्च से परेशान हो सकते हैं। इसलिए सोचे-समझे धन खर्च करेंगे। ऐसे में मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। कानूनी मामलों में थोड़ा संभलकर रहने की जरूरत है। सेहत का पूरा ख्याल रखने की जरूरत है। वाहन चलाते समय थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत है। धन का निवेश करने से पहले सौ बार सोच लें, क्योंकि आपको धन हानि का सामना करना पड़ सकता है। किसी के बहकावे में आकर पैसे उधार न दें।

सिंह राशि (Leo Zodiac)

इस राशि में केतु दूसरे भाव में और राहु अष्टम भाव में गोचर कर रहे हैं। राहु और केतु के गोचर करने से इस राशि के जातकों को स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखने की जरूरत है। इसके साथ ही वाहन चलाते समय थोड़ा सावधानी बरतने की जरूरत है। धन का निवेश भी थोड़ा सोच-समझकर करें। धन के संचय करने का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। अधिक मेहनत करने के बावजूद सफलता हासिल करने में थोड़ी परेशानियां आ सकती हैं।

डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

Navratri 4th Day: शारदीय नवरात्रि का चौथा दिन, ऐसे करें मां कूष्मांडा की पूजा, जानें मुहूर्त, भोग, मंत्र और आरती

Shardiya Navratri 2023 Day 4: शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से आरंभ हो चुके हैं। इस दौरान मां दु्र्गा के नौ स्वरूपों कू विधिवत पूजा करने का विधान है। नवरात्रि के चौथे दिन मां दुर्गा के स्वरूप मां कूष्मांडा देवी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। मां कूष्मांडा की पूजा करने से व्यक्ति हर तरह के दुख-दरिद्रता से छुटकारा मिल जाता है। माना जाता है कि मां कूष्मांडा ने सृष्टि की रचना की थी। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है कुम्हड़ा यानी पेठा की बलि देना। जानिए मां कूष्मांडा की पूजा शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, भोग और आरती।

शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से आरंभ हो चुके हैं। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा करने का विधान है। नवरात्रि के चौथे दिन मां दुर्गा के स्वरूप मां कूष्मांडा देवी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। मां कूष्मांडा की पूजा करने से व्यक्ति हर तरह के दुख-दरिद्रता से छुटकारा मिल जाता है। माना जाता है कि मां कूष्मांडा ने सृष्टि की रचना की थी। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है कुम्हड़ा यानी पेठा की बलि देना। जानिए मां कूष्मांडा की पूजा शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, भोग और आरती।

मां कूष्मांडा की पूजा का शुभ मुहूर्त

शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि आरंभ– 18 अक्टूबर 2023 को सुबह 1 बजकर 26 मिनट से शुरू
शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि समाप्त– 19 अक्टूबर को सुबह 1 बजकर 12 मिनट तक
अनुराधा नक्षत्र– सूर्योदय से लेकर रात 9 बजे तक
अमृतसिद्धि योग– सुबह 6 बजकर 28 मिनट से रात 9 बजे तक
सर्वार्थ सिद्धि योग– सुबह 6 बजकर 28 मिनट से रात 9 बजे तक

कैसा है मां कूष्मांडा का स्वरूप?

शास्त्रों के अनुसार, मां कूष्मांडा को मां दुर्गा का चौथा स्वरूप कहा जाता है। बता दें कि मां कूष्मांडा की आठ भुजाएं है। इसी कारण उन्हें अष्टभुजा भी कहते हैं। मां कूष्मांडा के नाम से जाना जाता है। बता दें कि मां के एक हाथ में जपमाला और अन्य सात हाथों में धनुष, बाण, कमंडल, कमल, अमृत पूर्ण कलश, चक्र और गदा शामिल है।

मां कूष्मांडा देवी की पूजा विधि

सूर्योदय से पहले उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें। इसके बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद पूजा आरंभ करें। सबसे पहले कलश की पूजा करें। इसके साथ ही मां दुर्गा के साथ स्वरूपों की पूजा करें। उन्हें सिंदूर, फूल, माला, अक्षत, कुमकुम, रोली आदि चढ़ाने के साथ मालपुआ का भोग लगाएं। इसके बाद जल चढ़ाएं। फिर घी का दीपक और धूप जलाकर मां दुर्गा चालीसा , दुर्गा सप्तशती का पाठ के साथ मां कूष्मांडा के मंत्र, स्तोत्र आदि का पाठ कर लें। करें। अंत में विधिवत आरती के बाद भूल चूक के लिए माफी मांग लें।

मां कूष्मांडा की स्तुति मंत्र

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

मां कूष्मांडा की प्रार्थना

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

मां कूष्मांडा बीज मंत्र

ऐं ह्री देव्यै नम:

मां ​कूष्मांडा की आरती (Maa Kushmanda Ki Aarti)

कूष्मांडा जय जग सुखदानी।
मुझ पर दया करो महारानी॥
पिगंला ज्वालामुखी निराली।
शाकंबरी मां भोली भाली॥
लाखों नाम निराले तेरे।
भक्त कई मतवाले तेरे॥
भीमा पर्वत पर है डेरा।
स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥
सबकी सुनती हो जगदम्बे।
सुख पहुंचती हो मां अम्बे॥
तेरे दर्शन का मैं प्यासा।
पूर्ण कर दो मेरी आशा॥
मां के मन में ममता भारी।
क्यों ना सुनेगी अरज हमारी॥
तेरे दर पर किया है डेरा।
दूर करो मां संकट मेरा॥
मेरे कारज पूरे कर दो।
मेरे तुम भंडारे भर दो॥
तेरा दास तुझे ही ध्याए।
भक्त तेरे दर शीश झुकाए॥

Nithari Kand के दोषी हुए बरी: बच्चों का दुष्कर्म कर उन्हें पकाकर खाते थे, वो खौफनाक वारदात जिसे सुनकर सिहर जाते हैं लोग

nithari hatya kand

साल 2006 में जब देश की राजधानी से सटे उत्तर प्रदेश के नोएडा के निठारी में जब एक नाले से नर कंकाल निकलने शुरू हुए तो सबके होश उड़ गए। देखते ही देखते यह खबर देश-दुनिया के मीडिया की सुर्खियां बन गई।

हर कोई हैरान कि आखिर नाले में इतने नर कंकाल कैसे मिल रहे हैं। जैसे-जैसे पुलिस की जांच आगे बढ़ती लोगों की हैरत और आक्रोश बढ़ता ही जाता था।

देश के हर कोने से अब निठारी के आरोपियों को फांसी देने की मांग होने लगी। मामला गंभीर होता देख इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी।

2007 में सीबीआई ने शुरू की थी जांच

11 जनवरी 2007 को यह केस सीबीआई ने पूरी तरह से अपने हाथ में ले लिया। इस मामले में नरपिशाच के नाम से विख्यात हुए सुरेंद्र कोली का पहली बार इकबालिया बयान 28 फरवरी को दिल्ली में एसीएमएम के सामने दर्ज कराया गया था।

सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर पर 2007 में कुल 19 केस दर्ज हुए थे। इसमें से सीबीआई ने तीन केस में सबूतों के अभाव में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी थी। बाकी बचे 16 मामले में से कोली को तीन केस में बरी कर दिया गया था और एक केस में मृत्युदंड को आजीवन कारावास में बदल दिया गया था।

एक मामला जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, वह अब भी लंबित है। वहीं अन्य 12 मामलों में सोमवार (16 अक्टूबर, 2023) को कोली को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है।

पंढेर को शुरुआत में छह केस में आरोपी बनाया गया था। उसे इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा तीन केस में पहले ही बरी किया जा चुका है।

पंढेर की कोठी बनी खंडहर

17 बच्चों को बनाया शिकार

अदालत ने सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर को भले ही कई मामलों में बरी कर दिया हो, लेकिन आज भी निठारी कांड की बात आते ही हर उस शख्स की आंखों में वह मंजर तैर जाते हैं, जब एक-एक कर नाले से नर कंकाल निकल रहे थे।

करोड़पति मोनिंदर सिंह पंढेर की कोठी डी-5 पर आज फिर मीडिया का जमावड़ा लगा है। हालांकि अब कोठी की हालत ऐसी हो चुकी है जिसे देखकर कोई नहीं कह सकता कि 17 साल पहले यहां पर कोई कोठी थी।

इसी कोठी में दो हैवानों ने 17 बच्चों को अपना शिकार बनाया और उन्हें उसी के नीचे गाड़ दिया। इसी कोठी में पंढेर और कोली आसपास के गांव से भोले-भाले बच्चों को किसी न किसी बहाने बुलाते थे।

हत्या के बाद करते थे शव के साथ दरिंदगी

बेहद चालाकी से बच्चों को अपनी कोठी में बुलाने के बाद ये लोग बच्चों के साथ कुकर्म करते थे और फिर गला दबाकर उनकी हत्या कर देते थे। इतने से भी मन नहीं भरता तो वह बच्चों के छोट-छोटे टुकड़े कर उसे पका कर खा जाते थे और कुछ टुकड़ों को कोठी के पीछे बह रहे नाले में फेंक देते थे।

यह लोग इतनी चालाकी से बच्चों को गायब करते थे कि कोई समझ ही नहीं पाता था। लगभग दो सालों तक ये सिलसिला चलता रहा और गांववाले ये समझते रहे कि कोठी के पास पानी की टंकी में कोई भूत है जो बच्चों को गायब कर रहा है।

2006 में एक केस से सामने आया मामला

हालांकि जब सुरेंद्र कोली का नाम साल 2006 में एक बच्ची के गायब होने के मामले में सामने आया और फिर पुलिस ने गहनता से जांच शुरू की तो एक-एक कोठी मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली की करतूतें सामने आने लगीं।

17 में से 12 केस में मिली थी कोली को फांसी की सजा, जजों की टिप्पणियां बेहद सख्त

कोली को जिन मामलों में मौत की सजा सुनाई गई उनमें जजों ने बेहद सख्त टिप्पणी की है। एक मामले में जज ने कहा था कि कोली के प्रति कोई दया नहीं दिखाई जानी चाहिए। वहीं एक अन्य मामले में जज ने कहा था कि जब तक इसकी जान न जाए तब तक फांसी पर लटकाए रखो।

2005 के रिम्पा हलदर हत्याकांड में मृत्युदंड सुनाते हुए 15 फरवरी 2011 सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कोली सीरियल किलर है और उसके प्रति कोई दया नहीं दिखाई जानी चाहिए।

एक केस में सुरेंद्र कोली को दोषी मानते हुए सीबीआई की विशेष अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी। उस वक्त जस्टिस एस. लाल ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि दोषी के मन में हमेशा यही भावना बनी रहती है कि किसको मारूं, काटूं या खाऊं। वह इन परिस्थितियों में समाज के लिए खतरा बन चुका है।

आरोपी के सुधार और पुनर्वास की गुंजाइश भी नहीं है। मृतका की आत्मा को तभी शांति मिल सकती है, जब अभियुक्त को मृत्यु दंड से ही दंडित किया जाए। अभियुक्त को गर्दन में फांसी लगाकर तब तक लटकाया जाए, जब तक उसकी मृत्यु न हो जाए।

69वां राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2023 – विजेताओं की सूची

69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के विजेताओं की घोषणा नई दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में की गई। 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों का केंद्र बिंदु रहा, जिसमें प्रतिभाशाली विजेताओं का एक समूह सामने आया, जिन्होंने भारत के सिनेमाई परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी है। इन पुरस्कारों को फिल्म निर्माण के क्षेत्र में सर्वोच्च सम्मानों में से एक के रूप में मान्यता प्राप्त है, जो देश की समृद्ध सिनेमाई टेपेस्ट्री में योगदान करने वाले व्यक्तियों के समर्पण और रचनात्मकता के प्रमाण के रूप में कार्य करते हैं।

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2023 विजेता

एक शानदार समारोह में 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के विजेताओं की घोषणा की गई। अल्लू अर्जुन को फिल्म पुष्पा के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार दिया गया, जबकि सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार क्रमशः आलिया भट्ट और कृति सनोन को उनकी फिल्मों गंगूबाई काठियावाडिया और मिमी के लिए प्रदान किया गया। सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार द नांबी इफेक्ट को प्रदान किया गया। द कश्मीर फाइल्स ने राष्ट्रीय एकता पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए नरगिस दत्त पुरस्कार जीता।

69th National Film Awards 2023 Complete Winners List

CategoryWinner
Best Feature FilmRocketry
Best DirectorNikhil Mahajan, Godavari
Best Popular Film Providing Wholesome EntertainmentRRR
Nargis Dutt Award for Best Film on National IntegrationThe Kashmir Files
Best ActorAllu Arjun, Pushpa
Best ActressAlia Bhatt, Gangubai Kathiawadi and Kriti Sanon, Mimi
Best Supporting ActorPankaj Tripathi, Mimi
Best Supporting ActressPallavi Joshi, The Kashmir Files
Best Child ArtistBhavin Rabari, Chhello Show
Best Screenplay (Original)Shahi Kabir, Nayattu
Best Screenplay (Adapted)Sanjay Leela Bhansali & Utkarshini Vashishtha, Gangubai Kathiawadi
Best Dialogue WriterUtkarshini Vashishtha & Prakash Kapadia, Gangubai Kathiawadi
Best Music Director (Songs)Devi Sri Prasad, Pushpa
Best Music Direction (Background Music)MM Keeravaani, RRR
Best Male Playback SingerKaala Bhairava, RRR
Best Female Playback SingerShreya Ghoshal, Iravin Nizhal
Best LyricsChandrabose, Konda Polam’s Dham Dham Dham
Best Hindi FilmSardar Udham
Best Kannada Film777 Charlie
Best Malayalam FilmHome
Best Gujarati FilmChhello Show
Best Tamil FilmKadaisi Vivasayi
Best Telugu FilmUppena
Best Maithili FilmSamanantar
Best Mishing FilmBoomba Ride
Best Marathi FilmEkda Kaay Zala
Best Bengali FilmKalkokkho
Best Assamese FilmAnur
Best Meiteilon FilmEikhoigi Yum
Best Odia FilmPratikshya
Indira Gandhi Award for Best Debut Film of a DirectorMeppadiyan, Vishnu Mohan
Best Film on Social IssuesAnunaad – The Resonance
Best Film on Environment Conservation/PreservationAavasavyuham
Best Children’s FilmGandhi and Co
Best Audiography (Location Sound Recordist)Arun Asok & Sonu K P, Chavittu
Best Audiography (Sound Designer)Aneesh Basu, Jhilli
Best Audiography (Re-recordist of the final mixed track)Sinoy Joseph, Sardar Udham
Best ChoreographyPrem Rakshith, RRR
Best CinematographyAvik Mukhopadhayay, Sardar Udham
Best Costume DesignerVeera Kapur Ee, Sardar Udham
Best Special EffectsSrinivas Mohan, RRR
Best Production DesignDmitrii Malich and Mansi Dhruv Mehta, Sardar Udham
Best EditingSanjay Leela Bhansali, Gangubai Kathiawadi
Best MakeupPreetisheel Singh, Gangubai Kathiawadi
Best Stunt ChoreographyKing Soloman, RRR
Special Jury AwardShershaah, Vishnuvardhan
Special Mention1. Late Shri Nallandi, Kadaisi Vivasayi 2. Aranya Gupta & Bithan Biswas, Jhilli 3. Indrans, Home 4. Jahanara Begum, Anur
Best Non-feature filmEk Tha Gaon
Best Direction (Non-feature film)Bakul Matiyani, Smile Please
Best Debut Non-Feature Film of a DirectorPaanchika, Ankit Kothari
Best Anthropological FilmFire on Edge
Best Biographical FilmRukhu Matir Dukhu Majhi and Beyond Blast
Best Arts FilmsT.N. Krishnan Bow Strings to Divine
Best Science & Technology FilmsEthos of Darkness
Best Promotional FilmEndangered Heritage ‘Warli Art’
Best Environment Film (Non-feature film)Munnam Valavu
Best Film on Social Issues (Non-feature film)Mithu Di and Three Two One
Best Investigative FilmLooking For Challan
Best Exploration FilmAyushman
Best Educational FilmSirpigalin Sirpangal
Best Short Fiction FilmDal Bhat
Best Animation FilmKandittundu
Best Film on Family ValuesChand Saanse
Best Cinematography (Non-feature film)Bittu Rawat, Pataal
Best Audiography (Re-recordist of the final mixed track) (Non-feature film)Unni krishnan, Ek Tha Gaon
Best Production Sound Recordist (Location/Sync Sound) (Non-feature film)Suruchi Sharma, Meen Raag
Best Editing (Non-feature film)Abhro Banerjee, If Memory Serves Me Right
Best Music Direction (Non-feature film)Ishaan Divecha, Succelent
Best Narration/Voice Over (Non-feature film)Kulada Kumar Bhattacharjee, Hathibondhu
Special Mention (Non-feature film)1. Aniruddha Jatkar, Baale Bangara, 2. Srikanth Deva, Karuvarai, 3. Sweta Kumar Das, The Healing Touch, 4. Ram Kamal Mukherjee, Ek Duaa
Special Jury Award (Non-feature film)Shekhar Bapu Rankhambe, Rekha
Best Book on CinemaMusic by Laxmikant Pyarelal: The Incredibly Melodious Journey by Rajiv Vijayakar
Best Film CriticPurushothama Charyulu
Best Film Critic (Special Mention)Subramanya Bandoor

राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार

प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, भारतीय सिनेमा की धारा में सम्मान के प्रतीक के रूप में खड़े हैं। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों का आयोजन केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत फिल्म महोत्सव निदेशालय द्वारा किया जाता है। वे उन फिल्मों का जश्न मनाते हैं जो न केवल सौंदर्य और तकनीकी उत्कृष्टता प्रदर्शित करती हैं बल्कि सामाजिक प्रासंगिकता भी प्रदर्शित करती हैं, जो कला और प्रभाव दोनों के माध्यम के रूप में सिनेमा की शक्ति को दर्शाती हैं।

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों का इतिहास

राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कारों की शुरुआत 1954 में “राज्य पुरस्कार” के नाम से की गई थी। उस समय, विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों को ही नामांकित और पुरस्कृत किया जाता था। 1967 में इसने फिल्मों में काम करने वाले अभिनेताओं और तकनीशियनों को पुरस्कार देना शुरू किया। सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीतने वाले पहले अभिनेता नरगिस रात और दिन में अपने प्रदर्शन के लिए थे, जबकि उत्तम कुमार ने एंटनी फ़िरंगी और चिड़ियाखाना के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जीता।

1953 में फ़िल्मों के लिए दिए गए पहले पुरस्कारों के बाद से, राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कारों ने एक लंबा सफर तय किया है। पिछले कुछ वर्षों में पुरस्कारों की संख्या में वृद्धि हुई है। प्रारंभ में इसे ‘राज्य पुरस्कार’ कहा जाता था, जिसमें दो राष्ट्रपति के स्वर्ण पदक, दो योग्यता प्रमाण पत्र और एक दर्जन क्षेत्रीय फिल्मों के लिए रजत पदक शामिल थे, पहले छह वर्षों तक राष्ट्रीय सर्वश्रेष्ठ फिल्म को ही क्षेत्रीय सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार देने की प्रथा थी। पिछले कुछ वर्षों में पुरस्कारों की संख्या में वृद्धि हुई है।

1967 की फिल्मों के लिए 1968 में कलाकारों और तकनीशियनों के लिए अलग-अलग पुरस्कार शुरू किए गए थे, नरगिस दत्त और उत्तम कुमार क्रमशः सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री (तब उर्वशी कहलाती थी) और सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (तब भारत कहा जाता था) पुरस्कार पाने वाले पहले अभिनेत्री और अभिनेता थे।

पुरस्कार तीन वर्गों में दिए जाते हैं: फीचर, गैर-फीचर और सिनेमा पर सर्वश्रेष्ठ लेखन।

जबकि फीचर और गैर-फीचर में विजेताओं का चयन विभिन्न श्रेणियों में सिनेमाई उपलब्धियों में उत्कृष्टता की मान्यता है, ‘सिनेमा पर सर्वश्रेष्ठ लेखन’ अनुभाग एक कला के रूप में सिनेमा के अध्ययन और सराहना और सूचना के प्रसार और आलोचनात्मक सराहना को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित है। विभिन्न पुस्तकों, लेखों, समीक्षाओं, समाचार पत्रों के कवरेज और अध्ययनों के प्रकाशन के माध्यम से कला का विकास।

पुरस्कारों का उद्देश्य सिनेमाई रूप में देश के विभिन्न क्षेत्रों की संस्कृतियों की समझ और सराहना में योगदान देने वाली सौंदर्य और तकनीकी उत्कृष्टता और सामाजिक प्रासंगिकता वाली फिल्मों के निर्माण को प्रोत्साहित करना है, जिससे राष्ट्र की एकता और अखंडता को भी बढ़ावा मिलता है। पुरस्कारों के विजेताओं का निर्णय जूरी द्वारा किया जाता है जिसमें सिनेमा, अन्य संबद्ध कलाओं और मानविकी के क्षेत्र में प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल होते हैं।