वडोदरा/आणंद: गुजरात के वडोदरा और आणंद जिलों को जोड़ने वाला महिसागर नदी पर स्थित 45 साल पुराना गंभीरा पुल मंगलवार सुबह अचानक ढह गया, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया। हादसे के वक्त पुल पर से गुजर रहे दो ट्रक, एक बोलेरो जीप और एक अन्य वाहन नदी में गिर गए। हादसे में अब तक 9 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई लोग अब भी लापता हैं।
नदी में समाए वाहन, मची अफरा-तफरी
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसा सुबह उस वक्त हुआ जब पुल पर कई वाहन गुजर रहे थे। अचानक पुल का एक हिस्सा भरभराकर गिर पड़ा और करीब पांच वाहन माही नदी में समा गए। हादसे के बाद आसपास के मुजपुर और अन्य गांवों के लोग मौके पर जमा हो गए, वहीं पुलिस और आपदा प्रबंधन की टीमें तुरंत राहत एवं बचाव कार्य में जुट गईं।
मृतकों की पहचान
अब तक जिन नौ लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, उनमें से छह की पहचान कर ली गई है:
- वैदिक पडियार (45)
- नैतिक पडियार (45)
- हसमुख परमार (32)
- रमेश पडियार (32)
- वखासिंह जाधव (26)
- प्रवीण जाधव (26)
जर्जर था पुल, फिर भी चालू रखा गया
1985 में बना यह गंभीरा पुल पिछले कई वर्षों से जर्जर हालत में था। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब भारी वाहन पुल से गुजरते थे, तो वह खतरनाक तरीके से हिलता था। इसके बावजूद पुल को बंद नहीं किया गया।
स्थानीय भाजपा विधायक चैतन्यसिंह जाला की सिफारिश पर राज्य सरकार ने पुल की स्थिति को गंभीर मानते हुए 212 करोड़ रुपये की लागत से नए पुल के निर्माण को मंजूरी दी थी। सर्वेक्षण भी हो चुका था और निर्माण की योजना पर काम शुरू कर दिया गया था। लेकिन पुराने पुल की मरम्मत कर उसे चालू रखा गया — जो अब जानलेवा साबित हुआ।
प्रशासनिक लापरवाही पर उठे सवाल
इस त्रासदी ने एक बार फिर सरकारी सिस्टम की प्रशासनिक उदासीनता और लापरवाही को उजागर कर दिया है। सवाल उठ रहे हैं कि जब पुल की हालत खराब थी और नया पुल बन रहा था, तो पुराने पुल को यातायात के लिए क्यों नहीं बंद किया गया? क्या नागरिकों की जान की कीमत इतनी कम हो गई है?
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
फिलहाल एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड, पुलिस और स्थानीय गोताखोरों की टीमें नदी में लापता लोगों की तलाश कर रही हैं। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
राज्य सरकार ने हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और पीड़ित परिवारों को हरसंभव मदद देने की बात कही है।