October Holidays 2025: ये रही छुट्टियों की पूरी लिस्ट, कब-कब बंद रहेंगे स्कूल-कॉलेज?

October Holidays 2025: ये रही छुट्टियों की पूरी लिस्ट, कब-कब बंद रहेंगे स्कूल-कॉलेज?
October Holidays 2025: ये रही छुट्टियों की पूरी लिस्ट, कब-कब बंद रहेंगे स्कूल-कॉलेज?

नई दिल्ली: देशभर में नवरात्रि और दशहरे की धूम के बीच स्कूलों की छुट्टियों को लेकर माता-पिता और छात्रों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इस बार दशहरा 2 अक्टूबर को पड़ रहा है, जो कि गांधी जयंती के साथ संयोग बना रहा है। ऐसे में कई राज्यों में छुट्टियों को लेकर अलग-अलग घोषणाएं की गई हैं।

कुछ राज्यों में छुट्टियां 1 और 2 अक्टूबर तक सीमित हैं, जबकि कई जगहों पर स्कूल 5 या 6 अक्टूबर तक बंद रहेंगे। हालांकि, निजी स्कूलों का शेड्यूल अलग हो सकता है, इसलिए अभिभावकों को स्कूल से आधिकारिक पुष्टि करने की सलाह दी गई है।

इन राज्यों में घोषित की गई हैं छुट्टियां:

उत्तर प्रदेश:
1 और 2 अक्टूबर को दशहरा और गांधी जयंती के अवसर पर सभी स्कूल बंद रहेंगे।

बिहार:
राज्य के अधिकांश जिलों में स्कूल 27 सितंबर से 2 अक्टूबर तक बंद रहेंगे। वहीं कुछ जिलों में छुट्टी 5 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है।

दिल्ली:
राजधानी में 29 सितंबर से 1 अक्टूबर तक स्कूलों को बंद रखने का आदेश है। कक्षाएं 3 अक्टूबर से शुरू होंगी। हालांकि प्राइवेट स्कूलों में यह शेड्यूल अलग हो सकता है।

झारखंड:
यहां सरकारी स्कूलों में 27 सितंबर से 2 अक्टूबर तक छुट्टी रहेगी। कुछ स्कूलों में यह अवधि 5 अक्टूबर तक बढ़ाई गई है।

ओडिशा:
राज्य में 29 सितंबर से 2 अक्टूबर तक स्कूल बंद रहेंगे। कक्षाएं 3 अक्टूबर से फिर शुरू होंगी।

पश्चिम बंगाल:
दुर्गा पूजा के चलते यहां स्कूल 24 सितंबर से ही बंद कर दिए गए हैं और ये 6 अक्टूबर तक बंद रहेंगे।

तेलंगाना:
राज्य में स्कूल 21 सितंबर से ही बंद हैं। अब 3 अक्टूबर से कक्षाएं दोबारा शुरू होंगी।

निजी स्कूलों के लिए अलग हो सकता है शेड्यूल
हालांकि यह स्पष्ट किया गया है कि निजी स्कूल अपने हिसाब से छुट्टियों का शेड्यूल बना सकते हैं। इसलिए अभिभावकों को सलाह दी गई है कि वे अपने बच्चे के स्कूल से आधिकारिक जानकारी अवश्य प्राप्त करें।

इस त्योहारी माहौल में स्कूलों की छुट्टियां बच्चों के लिए एक बड़ा अवसर हैं, जब वे अपने परिवार के साथ समय बिता सकते हैं और त्योहारों की खुशियों का आनंद ले सकते हैं।

Pushpesh Rai
एक विचारशील लेखक, जो समाज की नब्ज को समझता है और उसी के आधार पर शब्दों को पंख देता है। लिखता है वो, केवल किताबों तक ही नहीं, बल्कि इंसानों की कहानियों, उनकी संघर्षों और उनकी उम्मीदों को भी। पढ़ना उसका जुनून है, क्योंकि उसे सिर्फ शब्दों का संसार ही नहीं, बल्कि लोगों की ज़िंदगियों का हर पहलू भी समझने की इच्छा है।