इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने सोमवार को दावा किया कि हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास के बचाव करने वाले अधिवक्ता रामेन रॉय अब अपनी जान के लिए संघर्ष कर रहे हैं। राधारमण दास ने कहा कि रामेन रॉय, जिनकी पहचान एक अधिवक्ता के रूप में हुई है, उनके ऊपर बांग्लादेश में “इस्लामवादियों” ने क्रूर हमला किया। हमलावरों ने न सिर्फ उन्हें शारीरिक रूप से हमला किया, बल्कि उनके घर में भी तोड़फोड़ की।
राधारमण दास के अनुसार, रामेन रॉय की एकमात्र “गलती” अदालत में प्रभु चिन्मय कृष्ण दास का बचाव करना था। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से कहा कि रामेन रॉय गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और वर्तमान में आईसीयू में भर्ती हैं।
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ़्तारी और विरोध प्रदर्शन
पिछले हफ्ते बांग्लादेश पुलिस ने ढाका हवाई अड्डे पर चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार किया था। वह बांग्लादेश के सम्मिलिता सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता थे और चटगाँव में एक रैली में शामिल होने जा रहे थे, तभी उन्हें गिरफ्तार किया गया। चिन्मय कृष्ण दास पर देशद्रोह के आरोप लगाए गए हैं। बांग्लादेश की अदालत ने उनकी ज़मानत याचिका को खारिज कर दिया। इसके बाद बांग्लादेश में हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए, जिसमें एक सरकारी वकील की हत्या कर दी गई।
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हमले बढ़े
राधारमण दास ने यह भी दावा किया कि चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ़्तारी के बाद बांग्लादेश के चटगाँव में एक और हिंदू पुजारी श्याम दास प्रभु को गिरफ्तार किया गया। श्याम दास प्रभु को बिना किसी वारंट के गिरफ्तार किया गया था जब वह चिन्मय कृष्ण दास से मिलने जेल गए थे।
ममता बनर्जी का बांग्लादेश में शांति सेना की मांग
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बांग्लादेश में हो रहे हमलों को लेकर संयुक्त राष्ट्र से वहां शांति सेना भेजने की मांग की है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अपील की कि वह बांग्लादेश में सताए गए लोगों के पुनर्वास के लिए हस्तक्षेप करें और उन्हें भारत में आश्रय प्रदान करें। ममता बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल बांग्लादेश से आए हुए शरणार्थियों को “एक रोटी” साझा कर उन्हें अपनी ओर से आश्रय देने के लिए तैयार है।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की स्थिति
बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद से हिंदू समुदाय लगातार इस्लामी चरमपंथियों के हमलों का शिकार हो रहा है। देश के विभिन्न हिस्सों में 200 से अधिक मंदिरों को निशाना बनाया गया है और अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं।
अंत में
बांग्लादेश में धार्मिक असहमति और हिंसा के कारण हिंदू समुदाय लगातार खतरे में है। इस संघर्ष के बीच, ममता बनर्जी द्वारा उठाई गई पहल और भारत सरकार की मदद से प्रभावित लोगों को राहत दी जा सकती है।