योग गुरु रामदेव की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, सुप्रीम कोर्ट भ्रामक विज्ञापन मामले में लगा सकता है बड़ा झटका
योग गुरु रामदेव की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, सुप्रीम कोर्ट भ्रामक विज्ञापन मामले में लगा सकता है बड़ा झटका
सुप्रीम कोर्ट ‘इंडियन मेडिकल एसोसिएशन’ (आईएमए) की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें रामदेव पर कोविड रोधी टीकाकरण अभियान और आधुनिक दवाओं के खिलाफ मुहिम चलाने का आरोप लगाया गया है। जिसमें आज योग गुरु रामदेव, पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक (एमडी) आचार्य बालकृष्ण सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। सुप्रीम कोर्ट ने सुनावाई के दौरान कहा कि अदालत के आदेशों को हल्के में नहीं लिया जा सकता। अदालत ने नारजगी जताते हुए कहा कि 21 नवंबर के कोर्ट के आदेश के बाद भी अगले दिन प्रेस कांफ्रेंस की गई। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी और पतंजलि विज्ञापन छापे जा रहा था इस पर रामदेव के वकील ने कहा कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा और जो गलती पहले हो गई है, उसके लिए हम माफी मांगते हैं। सुप्रीम कोर्ट अब अगले हफ्ते इस मामले की सुनवाई करेगा और रामदेव और बालकृष्ण को फिर से कोर्ट में पेश होना होगा. कोर्ट ने रामदेव को हलफनामा दाखिल करने के लिए आखिरी मौका दिया है।
SC ने सरकार से पुछे कड़े सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से सवाल पुठते हुए कहा कि कोविड का समय सबसे ज्यादा कठिन था। इस समय इलाज का दावा किया गया। उस पर सरकार ने क्या किया है?” सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा की केवल चेतावनी काफी नहीं थी। कानून के हिसाब केंद्र ने कार्रवाई नहीं की। हम हैरान हैं कि केंद्र ने अपनी आंखें क्यों मूंदे रखी थी. जिस पर एसजी तुषार मेहता ने कोर्ट से कुछ समय मांगा है जवाब देने के लिए, जिसपर कोर्ट ने कहा हम समय देंगे और साथ ही कहा कि बाबा रामदेव और बालकृष्ण मिथ्या शपथ पर कार्रवाई के लिए तैयार रहें और अवमानना के अलावा झूठा हलफनामा देने का केस भी चलाएंगे.