नई दिल्ली: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने देश की आम जनता को बड़ी राहत देते हुए एक बार फिर रेपो रेट में कटौती का ऐलान किया है। RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की हालिया बैठक में 50 बेसिस प्वाइंट (0.50%) की कटौती की गई है, जिससे अब रेपो रेट 5.5% रह गया है। यह लगातार तीसरी बार है जब रेपो रेट में कमी की गई है। इससे पहले फरवरी और अप्रैल में 25-25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की जा चुकी है।
अब सस्ती हो सकती है आपकी EMI
रेपो रेट में कटौती का सीधा फायदा उन लोगों को होगा जिन्होंने होम लोन, कार लोन या पर्सनल लोन लिया हुआ है या लेने की योजना बना रहे हैं। बैंकों के लिए सस्ते ब्याज पर ऋण उपलब्ध होने का मतलब है कि वे ग्राहकों को भी कम ब्याज दरों पर लोन देंगे, जिससे आपकी मासिक EMI पर बोझ कम होगा।
क्या कहा गवर्नर संजय मल्होत्रा ने?
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि यह निर्णय भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देने और उपभोक्ताओं की खर्च क्षमता को बढ़ाने के लिए लिया गया है। उन्होंने बताया कि देश की GDP वृद्धि दर वित्त वर्ष 2024 में घटकर 6.5% रह गई है, जो कि 2023 में 9.2% थी। ऐसे में अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए मौद्रिक नीति को लचीला बनाना जरूरी हो गया है।
मौसम और तेल की कीमतों ने दिया साथ
RBI के इस फैसले के पीछे दो अहम कारण भी हैं:
- मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि इस बार मॉनसून औसत से बेहतर (106%) रहेगा, जिससे खेती-बाड़ी में सुधार, ग्रामीण मांग में वृद्धि और खाद्य महंगाई में गिरावट की उम्मीद है। साथ ही कच्चे तेल की कीमतें घटकर अब $65-70 प्रति बैरल पर आ गई हैं, जो पिछले साल के $78.8 प्रति बैरल से काफी कम हैं। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल का कहना है कि अगर महंगाई नियंत्रण में रहती है और अंतरराष्ट्रीय हालात स्थिर बने रहते हैं, तो आने वाले महीनों में RBI और 0.50% तक की कटौती कर सकता है।
रेपो रेट क्या होता है?
रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर भारतीय रिज़र्व बैंक देश के वाणिज्यिक बैंकों को अल्पकालिक कर्ज देता है। जब RBI रेपो रेट में कटौती करता है, तो बैंकों को सस्ते में कर्ज मिलता है और वे भी ग्राहकों को सस्ते लोन देने लगते हैं। इसके उलट जब RBI रेपो रेट बढ़ाता है, तो लोन महंगे हो जाते हैं।
रेपो रेट में बदलाव के फायदे
- EMI में राहत: होम, कार, पर्सनल लोन की किश्तें कम होंगी
- लोन लेना सस्ता: ब्याज दरें घटेंगी, जिससे लोन लेना आसान होगा
- बाजार में मांग बढ़ेगी: ग्राहक अधिक खर्च करेंगे, जिससे आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी
नुकसान
- बैंक की कमाई घट सकती है: बैंकों को कम ब्याज मिलेगा
- फिक्स्ड डिपॉजिट पर रिटर्न घटेगा: एफडी पर मिलने वाला ब्याज भी कम हो सकता है
- बढ़ती मांग से महंगाई बढ़ सकती है, अगर आपूर्ति के अनुरूप उत्पादन नहीं हुआ
RBI का यह कदम आम आदमी की जेब पर बोझ कम करने और देश की धीमी पड़ती अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए है। यदि आप लोन लेने की योजना बना रहे हैं या पहले से EMI चुका रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए राहत की सांस है।