Shefali Jariwala Passes Away: 15 साल से मिर्गी की बीमारी से जूझ रहीं थीं अभिनेत्री, नहीं हुआ इलाज जो जा सकती है जान

Shefali Jariwala Passes Away: 15 साल से मिर्गी की बीमारी से जूझ रहीं थीं अभिनेत्री, नहीं हुआ इलाज जो जा सकती है जान
Shefali Jariwala Passes Away: 15 साल से मिर्गी की बीमारी से जूझ रहीं थीं अभिनेत्री, नहीं हुआ इलाज जो जा सकती है जान

नई दिल्ली: मशहूर अभिनेत्री और डांसर शेफाली जरीवाला का 42 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, शेफाली पिछले लगभग 15 वर्षों से मिर्गी (एपिलेप्सी) की बीमारी से पीड़ित थीं। हालांकि उनकी मौत की पुष्टि अब तक मेडिकल रिपोर्ट से नहीं हुई है, लेकिन परिवार का कहना है कि वो इलाज के दौर से गुजर रही थीं।

एक पुराने इंटरव्यू में शेफाली ने अपनी सेहत और मिर्गी के बारे में खुलकर बात की थी। ईटाइम्स को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि 15 साल की उम्र में उन्हें पहला दौरा पड़ा था। उन्होंने कहा था, “तब पढ़ाई का बहुत दबाव था। स्ट्रेस और एंग्ज़ायटी मिर्गी के दौरे की वजह बन सकते हैं। डिप्रेशन और मिर्गी एक-दूसरे से जुड़े होते हैं।”

क्या है मिर्गी (Epilepsy)?

मिर्गी एक पुरानी न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जिसमें बार-बार दौरे (seizures) पड़ते हैं। यह बीमारी दुनिया भर में करीब 5 करोड़ लोगों को प्रभावित करती है और किसी भी उम्र में शुरू हो सकती है। सही इलाज और जीवनशैली में बदलाव के ज़रिए अधिकतर मरीज सामान्य जीवन जी सकते हैं।

दौरे के लक्षण:

  • अचानक होश खो बैठना या नजरें स्थिर हो जाना
  • शरीर में अनियंत्रित झटके
  • अस्थायी भ्रम या बेहोशी

इलाज के विकल्प:

  • एंटी-सीज़र दवाएं (70% मामलों में प्रभावी)
  • तनाव प्रबंधन, नियमित नींद और व्यायाम
  • विशेष मामलों में सर्जरी या डाइट आधारित इलाज (जैसे कीटोजेनिक डाइट)
  • इमोशनल हेल्थ के लिए काउंसलिंग और सपोर्ट ग्रुप्स

शेफाली जरीवाला के निधन से उनके प्रशंसक और इंडस्ट्री स्तब्ध हैं। ‘कांटा लगा’ से लेकर ‘नच बलिए’ तक उनका सफर लोगों के दिलों में बसा रहेगा। उनका जीवन मिर्गी जैसे रोग से लड़ते हुए भी प्रेरणादायक रहा।

Pushpesh Rai
एक विचारशील लेखक, जो समाज की नब्ज को समझता है और उसी के आधार पर शब्दों को पंख देता है। लिखता है वो, केवल किताबों तक ही नहीं, बल्कि इंसानों की कहानियों, उनकी संघर्षों और उनकी उम्मीदों को भी। पढ़ना उसका जुनून है, क्योंकि उसे सिर्फ शब्दों का संसार ही नहीं, बल्कि लोगों की ज़िंदगियों का हर पहलू भी समझने की इच्छा है।