Sonam Wangchuk NSA News: लद्दाख में सोनम वांगचुक पर NSA के तहत कार्रवाई, जोधपुर जेल भेजे गए

Sonam Wangchuk NSA News: लद्दाख में सोनम वांगचुक पर NSA के तहत कार्रवाई, जोधपुर जेल भेजे गए
Sonam Wangchuk NSA News: लद्दाख में सोनम वांगचुक पर NSA के तहत कार्रवाई, जोधपुर जेल भेजे गए

लद्दाख प्रशासन ने जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत हिरासत में लेने के फैसले को उचित ठहराया है। शनिवार रात जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि वांगचुक को जोधपुर जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है।

प्रशासन के मुताबिक, वांगचुक द्वारा नेपाल आंदोलन और अरब स्प्रिंग जैसे संदर्भों के साथ दिए गए कथित भड़काऊ भाषणों के चलते 24 सितंबर को लेह में हिंसा भड़क उठी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हुए।

बयान में कहा गया, “लेह जैसे शांतिप्रिय शहर में सामान्य स्थिति बहाल करना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए यह जरूरी हो गया कि श्री वांगचुक को सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए आगे किसी भी तरह की उकसाने वाली गतिविधियों से रोका जाए। इसी कारण प्रशासन ने विशेष इनपुट्स के आधार पर उन्हें NSA के तहत हिरासत में लेने और जोधपुर स्थानांतरित करने का निर्णय लिया।”

सरकार के प्रस्तावों के बावजूद जारी रखा अनशन

प्रशासन ने आरोप लगाया कि गृह मंत्रालय की हाई पावर्ड कमेटी (HPC) की बैठक के लिए स्पष्ट आमंत्रण और इससे पहले चर्चा की पेशकश के बावजूद, वांगचुक ने “छिपे हुए राजनीतिक उद्देश्य” के तहत अपना अनशन जारी रखा। हिंसा अनशन के 15वें दिन भड़की, जब दो लोग अस्पताल में भर्ती भी कराए गए थे।

प्रशासन के अनुसार, “अगर श्री वांगचुक सरकार के साथ हो रहे संवाद के प्रति ईमानदारी दिखाते और अनशन समाप्त कर देते, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना टाली जा सकती थी। लेकिन उन्होंने व्यक्तिगत और राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के चलते ऐसा नहीं किया।”

भड़काऊ भाषणों और वीडियो का आरोप

प्रशासन ने वांगचुक पर उकसावे भरे भाषण और वीडियो जारी करने का आरोप लगाया, जिनमें जनता को गुमराह किया गया। बयान में कहा गया कि “उनकी गतिविधियां राज्य की सुरक्षा, शांति और आवश्यक सेवाओं के लिए हानिकारक थीं। इसलिए उन्हें लेह में रखना जनहित में नहीं था।”

लद्दाख में कर्फ्यू और विरोध

वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद लेह शहर में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है, जबकि करगिल में BNS की धारा 163 लगाई गई है जिससे किसी भी प्रकार की बड़ी सभा पर रोक लगी हुई है। करगिल में शुक्रवार को पूर्ण बंद कर वांगचुक के समर्थन में प्रदर्शन किया गया।

विपक्ष और सामाजिक संगठनों की निंदा

लद्दाख के धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक संगठनों ने वांगचुक की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है। कई नेताओं ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताते हुए केंद्र सरकार से NSA हटाने और बातचीत की प्रक्रिया को पुनः शुरू करने की मांग की है।

कौन हैं सोनम वांगचुक?

सोनम वांगचुक लद्दाख के एक प्रख्यात इंजीनियर, शिक्षक और पर्यावरण कार्यकर्ता हैं। वे राज्य के लिए छठी अनुसूची और पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर पिछले कई वर्षों से आंदोलनरत हैं। हाल ही में उन्होंने तीन सप्ताह का भूख हड़ताल भी किया, जिसमें दो अन्य कार्यकर्ता भी शामिल थे।

अब उनकी गिरफ्तारी और NSA के तहत कार्रवाई से लद्दाख में तनाव और अधिक बढ़ गया है। यह देखना बाकी है कि सरकार और आंदोलनकारियों के बीच कब और कैसे संवाद की प्रक्रिया दोबारा शुरू होती है।

Pushpesh Rai
एक विचारशील लेखक, जो समाज की नब्ज को समझता है और उसी के आधार पर शब्दों को पंख देता है। लिखता है वो, केवल किताबों तक ही नहीं, बल्कि इंसानों की कहानियों, उनकी संघर्षों और उनकी उम्मीदों को भी। पढ़ना उसका जुनून है, क्योंकि उसे सिर्फ शब्दों का संसार ही नहीं, बल्कि लोगों की ज़िंदगियों का हर पहलू भी समझने की इच्छा है।