Sonam Wangchuk पर लगे आरोपों पर पत्नी गीतांजलि अंगमो फायर, BJP सरकार के छूटे पसीने

Sonam Wangchuk पर लगे आरोपों पर पत्नी गीतांजलि अंगमो फायर, BJP सरकार के छूटे पसीने
Sonam Wangchuk पर लगे आरोपों पर पत्नी गीतांजलि अंगमो फायर, BJP सरकार के छूटे पसीने

नई दिल्ली: जलवायु कार्यकर्ता और हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स लद्दाख (HIAL) के निदेशक सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके पति के खिलाफ लगाए गए विदेशी संपर्क और वित्तीय गड़बड़ी के आरोप पूरी तरह से झूठे और मनगढ़ंत हैं। उन्होंने कहा कि ये सब केवल उन्हें लद्दाख के हक की आवाज उठाने के लिए निशाना बनाने की साजिश है।

30 सितंबर को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में मीडिया से बातचीत करते हुए अंगमो ने कहा कि सरकार ने अभी तक वांगचुक की गिरफ्तारी का कोई औपचारिक आदेश नहीं दिया है। बता दें कि वांगचुक को 27 सितंबर को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत हिरासत में लेकर राजस्थान के जोधपुर जेल भेजा गया था।

“हम न्याय के लिए लड़ाई जारी रखेंगे”

गीतांजलि अंगमो ने कहा, “हम भारत के कानूनी तंत्र में पूरा विश्वास रखते हैं और अपने पति के लिए न्याय की लड़ाई पूरी ताकत से लड़ेंगे। जब तक सच सामने नहीं आता, हम पीछे नहीं हटेंगे।”

उन्होंने सरकार को चुनौती देते हुए कहा, “अगर सोनम वांगचुक ने कोई गुनाह किया है, तो सबूत सामने लाएं। अगर उनके संगठन HIAL में कोई वित्तीय गड़बड़ी है या विदेशी फंडिंग में कोई उल्लंघन हुआ है, तो उसे साबित करें।”

“जो सरकार सम्मान देती है, वही अब देशद्रोही कह रही है”

गीतांजलि ने सवाल उठाया कि यदि सोनम वांगचुक देश विरोधी हैं, तो उन्हें पहले सम्मान क्यों दिया गया? उन्होंने बताया कि HIAL को केंद्र सरकार के ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने पैसिव सोलर हीटेड बिल्डिंग डिजाइन के लिए पहला पुरस्कार दिया था। इसके अलावा, आइस स्तूपा परियोजना को जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने सम्मानित किया था।

उन्होंने कहा, “जब हमारी यूनिवर्सिटी को देश का बेस्ट ईको-प्रोजेक्ट घोषित किया गया, तब क्या हम राष्ट्र विरोधी थे? अगर नहीं, तो अब अचानक ऐसा क्यों कहा जा रहा है?”

“अगर अच्छे काम करने वालों को अपराधी बनाया जाएगा तो प्रेरणा कौन लेगा?”

अंगमो ने कहा कि उनके पति ने 1.8 लाख वर्ग फीट पैसिव सोलर हीटेड स्ट्रक्चर का निर्माण किया है, जिनका इस्तेमाल सेना भी कर रही है। इससे हर महीने 4000 टन कार्बन की बचत हो रही है। उन्होंने कहा, “दुनिया जहां नेट ज़ीरो की बात कर रही है, लद्दाख कार्बन निगेटिव बन चुका है। ऐसे कार्यकर्ता को अपराधी की तरह पेश करना भारत के ‘विश्वगुरु’ बनने की सोच के खिलाफ है।”

पाकिस्तान यात्रा और विदेशी संबंधों पर जवाब

सोनम वांगचुक के पाकिस्तान से संबंधों के आरोपों को लेकर अंगमो ने स्पष्ट किया कि वह संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित एक जलवायु सम्मेलन में भाग लेने इस्लामाबाद गए थे। उन्होंने कहा, “क्या हिंदूकुश पर्वत, जो आठ देशों को छूता है और दो अरब लोगों को पानी देता है, पर चर्चा करना देशद्रोह है?”

उन्होंने यह भी बताया कि सोनम वांगचुक ने उस मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मिशन लाइफ’ पहल की खुलकर तारीफ की थी। उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि यदि पाकिस्तान का कोई नागरिक लद्दाख में देखा गया था, तो सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन क्यों हुआ?

“FCRA और वित्तीय गड़बड़ी के आरोप बेबुनियाद”

HIAL की FCRA लाइसेंस रद्द किए जाने को लेकर अंगमो ने कहा कि उनके संगठन ने कोई विदेशी चंदा नहीं लिया है। उन्होंने बताया कि विदेशों से जो भी भुगतान आया है, वह सेवा समझौते के तहत है और यह पूरी तरह कानूनी है। CBI ने भी अब तक किसी उल्लंघन की पुष्टि नहीं की है।

उन्होंने कहा कि HIAL का अनुसंधान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों द्वारा अपनाया गया है और सरकार ने खुद इसकी नीतियों को राज्य में लागू किया है। आइस स्तूपा परियोजना और नई पर्यटन नीति में सोलर हीटिंग अनिवार्य कर दी गई है।

लद्दाख हिंसा को लेकर प्रशासन पर हमला

24 सितंबर को लेह में हुई हिंसा, जिसमें चार प्रदर्शनकारियों की मौत हुई थी, को लेकर अंगमो ने लद्दाख की केंद्र शासित प्रशासन और उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता तथा पुलिस महानिदेशक एस.डी. जमवाल को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने कहा, “सोनम पार्क में भूख हड़ताल पर बैठे थे। उन्हें इस हिंसा की कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने पिछले पांच सालों में कभी किसी तरह की हिंसा या उकसावे में भाग नहीं लिया। अब जो हुआ है, उसका जवाब प्रशासन और पुलिस को देना चाहिए।”

“मैगसेसे अवार्ड भी बदनाम करने का जरिया बना दिया गया”

गीतांजलि अंगमो ने कहा कि कुछ लोग वांगचुक को बदनाम करने के लिए यह प्रचार कर रहे हैं कि उन्होंने मैगसेसे पुरस्कार जीता है, जो कुछ ‘देशविरोधियों’ को भी मिला है। उन्होंने जवाब दिया, “भारत के 60 नागरिकों को यह पुरस्कार मिला है, जिनमें से 20 को बाद में पद्म विभूषण भी दिया गया है। क्या सरकार देशविरोधियों को सम्मान देती है?”

निष्कर्ष

गीतांजलि अंगमो का यह प्रेस वार्ता सिर्फ अपने पति के लिए न्याय की मांग नहीं थी, बल्कि यह लद्दाख के हक और लोकतांत्रिक अधिकारों की लड़ाई की एक आवाज थी। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि सरकार को सबूत पेश करने होंगे, नहीं तो यह साबित होगा कि वांगचुक को एक जनहितैषी कार्यकर्ता से अपराधी बनाने की साजिश रची जा रही है। अब देखना होगा कि केंद्र सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और न्यायिक प्रक्रिया आगे किस दिशा में जाती है।

Pushpesh Rai
एक विचारशील लेखक, जो समाज की नब्ज को समझता है और उसी के आधार पर शब्दों को पंख देता है। लिखता है वो, केवल किताबों तक ही नहीं, बल्कि इंसानों की कहानियों, उनकी संघर्षों और उनकी उम्मीदों को भी। पढ़ना उसका जुनून है, क्योंकि उसे सिर्फ शब्दों का संसार ही नहीं, बल्कि लोगों की ज़िंदगियों का हर पहलू भी समझने की इच्छा है।