Sonam Wangchuk की गिरफ्तारी को लेकर पत्नी गितांजलि की सुप्रीम कोर्ट में याचिका, राष्ट्रपति से भी लगाई गुहार

Sonam Wangchuk की गिरफ्तारी को लेकर पत्नी गितांजलि की सुप्रीम कोर्ट में याचिका, राष्ट्रपति से भी लगाई गुहार
Sonam Wangchuk की गिरफ्तारी को लेकर पत्नी गितांजलि की सुप्रीम कोर्ट में याचिका, राष्ट्रपति से भी लगाई गुहार

लेह: जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी गितांजलि जे अंगमो ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर उनके पति की तत्काल रिहाई की मांग की है। गितांजलि का कहना है कि वांगचुक की गिरफ्तारी अवैध है और उन्हें झूठे आरोपों में फंसाया गया है।

सोनम वांगचुक को 26 सितंबर को लेह में हुई हिंसक झड़पों के दो दिन बाद गिरफ्तार कर जोधपुर जेल भेजा गया था। उनकी गिरफ्तारी राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत की गई थी। इन झड़पों में चार लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हुए थे। ये हिंसा लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर हो रहे प्रदर्शन के दौरान हुई थी।

गितांजलि ने कहा कि उनके पति को पाकिस्तान से संबंध होने के झूठे आरोपों में फंसाया गया है, जबकि वह हमेशा देश और सेना के समर्थन में खड़े रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या एक पारिस्थितिकीय रूप से संवेदनशील क्षेत्र में अनियंत्रित विकास के खिलाफ आवाज उठाना कोई अपराध है।

गितांजलि का कहना है कि उन्हें अब तक वांगचुक की हिरासत का आधिकारिक आदेश नहीं मिला है और वह अपने पति से संपर्क नहीं कर पा रही हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें सीआरपीएफ की निगरानी में रखा गया है और हिमाालयन इंस्टीट्यूट ऑफ ऑल्टरनेटिव लर्निंग (HIAL) से छात्रों और कर्मचारियों की जानकारी मांगी गई है। HIAL की दो सदस्य भी तीन दिन पहले हिरासत में ली गई हैं।

गितांजलि ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को तीन पन्नों का पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है। उन्होंने लिखा है कि वांगचुक ने अपना जीवन लद्दाख के लोगों और देश की सेवा में समर्पित कर दिया है और वे किसी के लिए भी खतरा नहीं हो सकते।

गितांजलि ने कहा कि राष्ट्रपति खुद एक आदिवासी पृष्ठभूमि से आती हैं, इसलिए उन्हें लद्दाख के लोगों की भावनाएं सबसे बेहतर तरीके से समझ में आएंगी।

उन्होंने राष्ट्रपति से वांगचुक की बिना शर्त रिहाई की मांग की और कहा कि उनके साथ जो हो रहा है, वह एक “विच-हंट” जैसा है, जो पिछले चार वर्षों में जनता की आवाज उठाने के कारण किया जा रहा है।

Pushpesh Rai
एक विचारशील लेखक, जो समाज की नब्ज को समझता है और उसी के आधार पर शब्दों को पंख देता है। लिखता है वो, केवल किताबों तक ही नहीं, बल्कि इंसानों की कहानियों, उनकी संघर्षों और उनकी उम्मीदों को भी। पढ़ना उसका जुनून है, क्योंकि उसे सिर्फ शब्दों का संसार ही नहीं, बल्कि लोगों की ज़िंदगियों का हर पहलू भी समझने की इच्छा है।