दिल्ली में जल संकट इतना गंभीर हो गया है कि सुप्रीम कोर्ट को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि वह राष्ट्रीय राजधानी में जल की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करे, ताकि लाखों निवासियों को प्रभावित करने वाली इस तत्काल कमी को दूर किया जा सके।
सुप्रीम कोर्ट का यह निर्देश दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) द्वारा दायर याचिका के जवाब में आया है, जिसमें शहर में पानी की गंभीर कमी को उजागर किया गया था। डीजेबी ने तर्क दिया कि हिमाचल प्रदेश क्षेत्र से आने वाली यमुना नदी से जल प्रवाह में कमी ने दिल्ली की जल आपूर्ति को काफी प्रभावित किया है।
इस मामले की सुनवाई कर रहे मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय राजधानी में जल आपूर्ति से समझौता नहीं किया जा सकता। हिमाचल प्रदेश सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए दिल्ली को उसका उचित हिस्सा मिले।” जिसके बाद राजधानी दिल्ली में जल संकट को दूर करने के लिए पड़ोसी राज्यों से अतिरिक्त जलापूर्ति की मांग वाली दिल्ली सरकार की याचिका पर आज यानि गुरुवार (6 जून) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली को अतिरिक्त पानी देने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार को 137 क्यूसेक पानी रिलीज करने का निर्देश दिया है। हरियाणा दिल्ली को पानी रिलीज करने की सुविधा देगा।
20 मिलियन से अधिक लोगों का घर दिल्ली कई वर्षों से जल संकट से जूझ रहा है, लेकिन हाल के महीनों में स्थिति और खराब हो गई है। शहर की बढ़ती आबादी और पानी की बढ़ती मांग ने इसके पहले से ही सीमित संसाधनों पर और दबाव डाला है। डीजेबी ने बताया है कि यमुना में पानी का स्तर चिंताजनक रूप से कम हो गया है, जिससे संकट और बढ़ गया है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मद्देनजर हिमाचल प्रदेश सरकार ने पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, “हम स्थिति की गंभीरता को समझते हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि दिल्ली को पानी की आपूर्ति बनी रहे। हम जल संसाधनों के प्रबंधन और वितरण के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ समन्वय करेंगे।”
कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश यमुना में निरंतर प्रवाह बनाए रखने के लिए अपने जलाशयों से पानी की रिहाई बढ़ाए। इस उपाय से दिल्ली की जल आपूर्ति पर तत्काल दबाव कुछ कम होने की उम्मीद है।
दिल्ली के निवासियों ने सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि इससे बहुत जरूरी राहत मिलेगी। पूर्वी दिल्ली के निवासी राजेश कुमार ने कहा, “हम हफ्तों से पानी की भारी कटौती और राशनिंग का सामना कर रहे हैं।