नई दिल्ली: देश को नया उपराष्ट्रपति मिल गया है। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और एनडीए उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन ने मंगलवार को हुए चुनाव में निर्णायक बढ़त के साथ जीत दर्ज की। संसद के दोनों सदनों के 767 सांसदों में से 752 ने वैध मतदान किया, जिसमें राधाकृष्णन को 452 वोट प्राप्त हुए। उनके प्रतिद्वंदी, विपक्ष समर्थित उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले।
इस चुनाव में कुल 98.2 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। निर्वाचन अधिकारी पी.सी. मोदी ने मतगणना के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में राधाकृष्णन को औपचारिक रूप से उपराष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित घोषित किया।
विपक्ष की एकता भी न बचा सकी हार
हालांकि विपक्ष ने इस चुनाव में संयुक्त मोर्चा बनाकर बी. सुदर्शन रेड्डी को उतारा था, लेकिन संसद में संख्या बल एनडीए के पक्ष में पहले से ही झुका हुआ था। ऐसे में राधाकृष्णन की जीत लगभग तय मानी जा रही थी। मतदान के बाद कुछ क्रॉस वोटिंग की अटकलें भी लगाई जा रही हैं, लेकिन आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
पिछले उपराष्ट्रपति का इस्तीफा बना वजह
यह चुनाव पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद कराना पड़ा। धनखड़ ने 2022 में भारी बहुमत से जीत हासिल की थी, लेकिन हाल ही में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने अपना पद छोड़ दिया था।
कौन हैं सी.पी. राधाकृष्णन?
तमिलनाडु के तिरुप्पुर में 20 अक्टूबर 1957 को जन्मे सी.पी. राधाकृष्णन का राजनीतिक जीवन आरएसएस से जुड़कर प्रारंभ हुआ। उन्होंने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक किया और 1974 में भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी में सदस्य के रूप में राजनीतिक सफर शुरू किया।
- 1996 में तमिलनाडु बीजेपी के सचिव बने।
- कोयंबटूर से लोकसभा सांसद निर्वाचित हुए और संसद की विभिन्न स्थायी समितियों में अहम भूमिका निभाई।
- संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के प्रतिनिधिमंडल में शामिल हुए।
- कॉयर बोर्ड के अध्यक्ष रहते हुए भारत के नारियल रेशा निर्यात को 2500 करोड़ से अधिक तक पहुंचाया।
- केरल बीजेपी के प्रभारी के रूप में भी 2020 से 2022 तक सक्रिय रहे।
उनकी साफ-सुथरी छवि, संगठनात्मक अनुभव और प्रशासनिक कुशलता को ध्यान में रखते हुए एनडीए ने उन्हें इस महत्वपूर्ण पद के लिए चुना।
उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया कैसे होती है?
उपराष्ट्रपति का चुनाव भारत के दोनों सदनों – लोकसभा और राज्यसभा – के सदस्यों द्वारा किया जाता है। इसमें नामित सांसदों को भी मतदान का अधिकार होता है, जो राष्ट्रपति चुनाव में नहीं होता।
चुनाव के लिए उम्मीदवार को कम से कम 20 सांसदों का प्रस्तावक और 20 सांसदों का अनुमोदक होना आवश्यक होता है। इसके साथ ₹15,000 की जमानत राशि भी जमा करनी होती है।
योग्यता की शर्तें:
- भारतीय नागरिक होना
- आयु 35 वर्ष या अधिक
- राज्यसभा सदस्य बनने की योग्यता
- लाभ के किसी पद पर आसीन न होना
नई भूमिका, नई उम्मीदें
सी.पी. राधाकृष्णन का चयन ऐसे समय में हुआ है जब देश कई सामाजिक और राजनीतिक चुनौतियों से गुजर रहा है। उनके अनुभव, संतुलित दृष्टिकोण और निष्पक्ष छवि के चलते उम्मीद की जा रही है कि वे राज्यसभा के सभापति के रूप में निष्पक्षता से सदन की कार्यवाही संचालित करेंगे और संवैधानिक मर्यादाओं को मजबूती देंगे। यह फैसला भारतीय लोकतंत्र के लिए एक और मजबूत कदम माना जा रहा है।













