हिंडनबर्ग रिपोर्ट: जानें कैसे यह बिज़नेस की दुनिया में हलचल मचाती है
हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की स्थापना साल 2017 में नाथन एंडरसन ने की. उन्हें नेट एंडरसन के नाम से भी बुलाते हैं |
हिंडनबर्ग कैसे करती है रिसर्च
हिंडनबर्ग रिसर्च अपनी रिपोर्ट तैयार करते समय मुख्य रूप से तीन बिंदुओं पर ध्यान देती है:
*कंपनी के वित्तीय आंकड़ों का विश्लेषण करना।* कंपनी की गतिविधियों की गहन जांच करना।* सूत्रों से मिली गुप्त जानकारी का उपयोग करना।
हिंडनबर्ग रिसर्च 2017 से सक्रिय है और उसने अब तक 16 रिपोर्ट्स जारी की हैं
जिनमें अमेरिका की सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज कमीशन के अलावा देश-विदेश की कंपनियों में गैरकानूनी लेनदेन और वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा किया गया है।
हिंडनबर्ग रिसर्च अफिरिया, परशिंग गोल्ड, निकोला और अन्य प्रसिद्ध कंपनियों में वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा करने का दावा करती है।
भारत में मची हलचल
भारत में ये तब चर्चा में आई जब इसने 24 जनवरी 2023 को देश के प्रमुख उद्योगपति अदानी समूह के खिलाफ एक रिपोर्ट जारी की।
रिपोर्ट में गौतम अदानी के भाई विनोद अदानी पर भी गंभीर आरोप लगाए गए थे और कहा गया था कि वो 37 शैल कंपनियां चलाते हैं, जिनका इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग में हुआ है |
इस रिपोर्ट के बाद अदानी समूह की कंपनियों को 150 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था।
अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की ताज़ा रिपोर्ट ने भारत में एक बार फिर से हलचल मचा दी है।
अमेरिकी शॉर्ट सेलर ने (10 अगस्त, 2024) सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति पर ऑफशोर फंड्स में निवेश का आरोप लगाया है।
आरोप है कि इन फंड्स का इस्तेमाल अदाणी समूह के शेयरों को बढ़ाने के लिए किया गया। बुच दंपती ने कहा कि सभी निवेश नियमों के अनुसार किए गए हैं।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद विपक्ष ने सेबी प्रमुख के इस्तीफे की मांग की है। वहीं, सेबी प्रमुख और अदाणी समूह ने इस मामले में अपना पक्ष रख दिया है।