15 अगस्त को झंडा फहराने के क्या हैं नियम
हमारा देश
15 अगस्त 1947
को आजाद हुआ था और
26 जनवरी 1950
को भारत ने संविधान अपनाकर गणराज्य बन गया था।
तब से लेकर आज तक हर साल 15 अगस्त को
‘स्वतंत्रता दिवस’
(Independence Day 2024)
मनाया जाता है
इस दिन पूरे देश में स्वतंत्रता की खुशियां मनाई जाती हैं। स्कूल-कॉलेज, संस्थान, और सोसायटी में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
राजधानी दिल्ली में लाल किला पर प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि तिरंगा फहराने को लेकर कुछ नियम हैं.
नियमों का उल्लंघन करने पर 3 साल की जेल
भारतीय ध्वज संहिता का उल्लंघन या अपमान राष्ट्रीय सम्मान अधिनियम, 1971 के अंतर्गत दंडनीय है।
जानें क्या हैं तिरंगा फहराने के नियम?
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केसरियां रंग ऊपर, सफेद बीच में, और हरा सबसे नीचे होना चाहिए।
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तिरंगा भीगा या कटा-फटा नहीं होना चाहिए।
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आयताकार, अनुपात 3:2, और अशोक चक्र में 24 तीलियां होनी चाहिए।
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तिरंगा जमीन को नहीं छूना चाहिए और उससे ऊंचा कोई ध्वज नहीं होना चाहिए।
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झंडे पर कुछ लिखा नहीं होना चाहिए और इसे फेंकने या क्षति पहुंचाने की मनाही है।
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तिरंगा केवल 24 घंटे के लिए फहराया जा सकता है।
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झंडे का अपमान करने पर 3 साल की जेल और जुर्माना हो सकता है।
15 अगस्त को तिरंगा रस्सी से खींचकर फहराना
'ध्वजारोहण
' और 26 जनवरी को बंधे झंडे को खोलकर फहराना
'झंडा फहराना'
कहलाता है।