कटरा, जम्मू-कश्मीर: माता वैष्णो देवी मंदिर में भक्तों की आस्था का असर चढ़ावे में भारी वृद्धि के रूप में सामने आया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 (जनवरी तक) में मंदिर में 27.7 किलो सोना और 3,424 किलो चांदी का चढ़ावा चढ़ाया गया है। यह जानकारी श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (SMVDSB) द्वारा साझा की गई है।
RTI से हुआ बड़ा खुलासा
जम्मू के सामाजिक कार्यकर्ता रमन शर्मा द्वारा दायर आरटीआई के जवाब में यह खुलासा हुआ कि वर्ष 2020-21 में 9.075 किलो सोना का चढ़ावा चढ़ा था, जो 2024-25 में बढ़कर 27.717 किलो हो गया। इसी तरह, चांदी के चढ़ावे में भी कई गुना वृद्धि दर्ज की गई, जो 753.630 किलो (2020-21) से बढ़कर 3,424.538 किलो (2024-25, जनवरी तक) हो गई।
चढ़ाए गए धातुओं का क्या होता है?
श्राइन बोर्ड के अनुसार, भक्तों द्वारा चढ़ाई गई धातुएं अशुद्ध रूप में प्राप्त होती हैं, जिन्हें रिफाइनिंग और फैब्रिकेशन के बाद .995 और .999 शुद्धता के सिक्कों में बदला जाता है। ये सिक्के बाद में मंदिर परिसर में स्थित स्मृति दुकानों में बिक्री के लिए उपलब्ध कराए जाते हैं।
दान राशि में भी भारी उछाल
मंदिर को मिली वित्तीय दान राशि में भी लगातार वृद्धि दर्ज की गई है।
- 2020-21 में यह राशि ₹63.85 करोड़ थी, जो 2024-25 (जनवरी तक) में बढ़कर ₹171.90 करोड़ हो गई।
- 2023-24 में अब तक का सबसे अधिक ₹231.50 करोड़ का चढ़ावा प्राप्त हुआ।
यात्रियों की संख्या में भी आई मजबूती
1986 में श्राइन बोर्ड के गठन के बाद से माता वैष्णो देवी की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ी है।
- 2012 में सर्वाधिक 1.04 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे थे।
- कोविड-19 महामारी के कारण 2020 में यह संख्या घटकर 17.20 लाख हो गई थी, जो पिछले तीन दशकों में सबसे कम थी।
- हालांकि, मंदिर ने तेजी से रिकवरी की और हाल के वर्षों में यात्रियों की संख्या में इजाफा हुआ:
- 2021: 55.88 लाख
- 2022: 91.25 लाख
- 2023: 95.22 लाख
- 2024: 94.84 लाख
मंदिर में भक्तों की आस्था लगातार मजबूत होती जा रही है, जिससे न केवल चढ़ावे में वृद्धि हो रही है, बल्कि मंदिर की आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो रही है। श्राइन बोर्ड द्वारा की गई व्यवस्थाओं और भक्तों की गहरी श्रद्धा के चलते वैष्णो देवी यात्रा आने वाले वर्षों में और नए रिकॉर्ड बना सकती है।