महज़ कुछ दिन और फिर हम सब साल 2024 से 2025 की तरफ कदम बढ़ाएंगे मगर साल 2024 में कुछ ऐसी राजनीतिक घटनाएं हुई जिन्होंने इस साल को औऱ भी ज्यादा खास बनाया जिस कारण साल 2024 को राजनीतिक परिदृश्य में कई बड़ी घटनाओं के लिए याद किया जाएगा।
सबसे बड़ा लोकतांत्रिक उत्सव लोकसभा चुनाव 2024:
अगर भारतीय इतिहास में राजनीति का अध्याय याद किया जाएगा तो साल 2024 के पन्ने सुनहरे अक्षरों से अंकित होंगे क्योंकि इस साल लोकसभा चुनाव भारत के इतिहास का सबसे बड़ा चुनाव साबित हुआ, जिसमें 19 अप्रैल से 1 जून तक सात चरणों में मतदान हुआ। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस और उसके आईएनडीआईए गठबंधन ने कड़ी टक्कर दी। भाजपा ने 240 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस ने अपनी सीटों में वृद्धि करते हुए 99 सीटें प्राप्त कीं।
मोदी को हराने के लिए हुआ I.N.D.I.A संगठन का निर्माण:
भाजपा की लगातार शानदार जीत और नरेंद्र मोदी के लगातार दो बार पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने के बाद अपना अस्तित्व खोने का डर देखते हुए आईएनडीआईए (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) गठबंधन का निर्माण हुआ, जिसमें 26 पार्टियां शामिल थीं, इस पार्टी ने भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए (नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस) को चुनौती दी। यह गठबंधन आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस जैसे दलों का मंच था। दूसरी ओर, एनडीए में 36 पार्टियां शामिल थीं, मगर अगर सही मायने में देखें तो पीएम मोदी की लोकप्रियता और जनता के बीच उनकी शानदार छवि औऱ लगातार जीत को देखते हुए यह गठबंधन मोदी बनाम I.N.D.I.A बन गया।हालांकि, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एनडीए में वापसी करना आईएनडीआईए के लिए झटका साबित हुआ।
महिला प्रतिनिधित्व और अन्य चुनावी पहल:
2024 के आम चुनावों में 74 महिला सांसद चुनी गईं। हालांकि यह संख्या 2019 के मुकाबले थोड़ी कम थी, फिर भी महिला भागीदारी की दिशा में इसे एक महत्वपूर्ण कदम माना गया। साथ ही, तकनीकी साधनों का इस्तेमाल बढ़ा, जिससे पारदर्शिता में सुधार हुआ।
आखिर खत्म हुआ विवाद और पूरे उत्साह के साथ हुआ राम मंदिर का निर्माण:
लगभग 3 दशकों से जारी बाबरी मस्जिद और राम मंदिर का विवाद अंतता प्रभु राम के सबूत होने और भव्य मंदिर निर्माण के साथ खत्म हुआ। जनवरी 2024 में अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन भारतीय राजनीति का एक महत्वपूर्ण क्षण था। इसमें भाजपा के हिंदुत्व एजेंडे को मजबूती मिली और चुनाव प्रचार में इसे प्रमुख मुद्दा बनाया गया। इसके साथ ही, विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे को सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के रूप में पेश किया।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डीपफेक विवाद:
2024 में भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और डीपफेक विवाद बड़ा मुद्दा बना। राजनीतिक नेताओं और हस्तियों की फेक वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं। इससे सरकार पर एआई रेगुलेशन लाने का दबाव बढ़ा। तकनीकी मुद्दों को लेकर भारत की स्थिति वैश्विक मंच पर भी चर्चा का विषय बनी।
गगनयान और अंतरिक्ष में भारत की उपलब्धि:
अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत ने एक और उपलब्धि हासिल की। गगनयान मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा गया। इस सफलता ने राष्ट्रीय गर्व को बढ़ाया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्थिति को मजबूत किया। यह उपलब्धि भी चुनावी चर्चाओं का हिस्सा बनी।
10 साल बाद जम्मू कश्मीर में दोबारा हुए चुनाव:
लोकसभा चुनाव 2024 में जम्मू और कश्मीर ने 35 वर्षों में सबसे अधिक मतदान प्रतिशत देखा. अब एक दशक में पहली बार होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सवाल उठ रहे थे कि क्या इस केंद्र शासित प्रदेश के लोग आगामी चुनाव में उसी उत्साह के साथ मतदान करेंगे? 2024 का विधानसभा चुनाव अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू और कश्मीर में सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच चुनाव हुए। यह चुनाव विशेष रूप से ऐतिहासिक था क्योंकि अनुच्छेद 370 हटने और राज्य का दर्जा घटने के बाद यह पहला चुनाव था। नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) ने सबसे अधिक 42 सीटें जीतीं और उमर अब्दुल्ला मुख्यमंत्री बने।