शनिवार को बेंगलुरु के पास हुए एक भयानक सड़क हादसे में एक ही परिवार के छह लोगों की जान चली गई। यह हादसा नेलमंगला के पास नेशनल हाईवे 48 पर हुआ। परिवार एक वोल्वो एसयूवी में सफर कर रहा था, जब एक कंटेनर ट्रक पलटकर उनकी कार पर गिर गया। इस दुर्घटना में सभी लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
कैसे हुआ हादसा?
पुलिस की शुरुआती जांच के अनुसार, एक ईशर ट्रक में कई टन वजन के एल्युमिनियम पिलर लदे हुए थे। ट्रक बेंगलुरु की ओर जा रहा था, जब अचानक एक गाड़ी को बचाने के चक्कर में ड्राइवर का नियंत्रण खो गया। ट्रक तेज रफ्तार में था और डिवाइडर पार करते हुए सामने से आ रही वोल्वो कार पर पलट गया।
इस हादसे से वोल्वो कार पूरी तरह चकनाचूर हो गई। ट्रक एक टेंपो से भी टकराया, लेकिन टेंपो को मामूली नुकसान हुआ। हादसे की खौफनाक तस्वीरें एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई हैं, जिनकी जांच पुलिस कर रही है।
मारे गए लोगों की पहचान
इस हादसे में जान गंवाने वालों की पहचान चंद्रयगप्पा गौल (48), उनकी पत्नी गौराबाई (42), और उनके रिश्तेदार विजयलक्ष्मी (36), जॉन (16), दीक्षा (12), और आर्या (6) के रूप में हुई है। यह परिवार विजयपुरा जा रहा था।
चंद्रयगप्पा यगपगोल, जो बेंगलुरु की टेक इंडस्ट्री में एक बड़ा नाम थे, आईएएसटी सॉफ्टवेयर सॉल्यूशंस के सीईओ और एमडी थे। वह मूल रूप से महाराष्ट्र के सांगली जिले के मोरबगी गांव के रहने वाले थे और बेंगलुरु के एचएसआर लेआउट में रहते थे।
सड़क सुरक्षा पर उठे सवाल
इस हादसे ने सोशल मीडिया पर सड़क सुरक्षा को लेकर बहस छेड़ दी है। “ड्राइवस्मार्ट” नाम के एक सड़क सुरक्षा जागरूकता अकाउंट ने इस घटना की तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, “सुरक्षित कार से ही सड़क पर सुरक्षा सुनिश्चित नहीं होती। सुरक्षित सड़क + सुरक्षित ड्राइवर + सुरक्षित कार –> तीनों जरूरी हैं।”
वोल्वो जैसी सुरक्षित मानी जाने वाली गाड़ी भी इस तरह के हादसे से बच नहीं सकी। सोशल मीडिया पर लोगों ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को टैग करते हुए सड़क सुरक्षा के सख्त नियम लागू करने की मांग की।
गडकरी ने संसद में क्या कहा?
हाल ही में सड़क सुरक्षा पर संसद में बहस के दौरान नितिन गडकरी ने कहा कि सड़क हादसों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उन्होंने स्वीकार किया, “हमने सड़क हादसों को कम करने में सफलता हासिल नहीं की है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां हमारी विभाग असफल रहा है।”
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, गडकरी ने यह भी कहा कि लोगों में कानून का डर नहीं है। “कुछ लोग हेलमेट नहीं पहनते, कुछ रेड सिग्नल पार करते हैं।”
हर दिन 470 मौतें
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल भारत में सड़क हादसों में 1.78 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई, जो हर दिन औसतन 470 मौतों के बराबर है। इनमें से अधिकांश पीड़ित 18-34 वर्ष की आयु वर्ग के थे।
यह दर्दनाक हादसा एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि सड़क सुरक्षा के लिए कारों की तकनीक को बेहतर बनाने के साथ-साथ सड़कों और ट्रैफिक नियमों को सुरक्षित कैसे बनाया जाए।