
बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख नीतीश कुमार ने शनिवार को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के विपक्षी INDIA गठबंधन में शामिल होने के निमंत्रण को स्पष्ट रूप से नकारा। नीतीश कुमार ने लालू यादव के इस प्रयास पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हम (JDU) दो बार गलत रास्ते पर चले गए थे, लेकिन अब हम हमेशा साथ रहेंगे (NDA में) और विकास कार्यों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।”
यह प्रतिक्रिया लालू प्रसाद यादव के एक हालिया साक्षात्कार के बाद आई, जिसमें उन्होंने कहा था, “हमारे दरवाजे नीतीश कुमार के लिए खुले हैं। उन्हें भी अपने दरवाजे खोलने चाहिए। इससे दोनों पक्षों के बीच लोगों की आवाजाही को मदद मिलेगी।”
इसके बावजूद, नीतीश कुमार ने बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को फिर से दोहराया। उन्होंने कहा, “2005 से पहले बिहार की हालत बहुत खराब थी। रात के समय लोग घर से बाहर जाने से डरते थे। अस्पतालों में इलाज की उचित व्यवस्था नहीं थी, सड़कों की स्थिति खराब थी, और शिक्षा का स्तर भी ठीक नहीं था। राज्य में बार-बार साम्प्रदायिक संघर्षों की खबरें आती थीं।”
JD(U) के पास लोकसभा में 12 सांसद हैं और यह NDA के संख्याबल को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाती है, क्योंकि बीजेपी के पास लोकसभा में बहुमत नहीं है।
लालू प्रसाद यादव के इस प्रस्ताव ने बिहार में संभावित राजनीतिक पुनः गठनों की अटकलों को जन्म दिया है, खासकर अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए। हालांकि, नीतीश कुमार ने इस विषय पर सवाल पूछे जाने पर सिर्फ एक संक्षिप्त जवाब दिया, “क्या बोल रहे हैं?”
इस बीच, नीतीश कुमार की हाल की चुप्पी, सार्वजनिक बैठकों का रद्द होना और प्रशासनिक बदलाव ने यह कयास लगाए कि यह कदम बीजेपी को बिहार में सीटों के बंटवारे में समुचित अधिकार देने के लिए दबाव बनाने के उद्देश्य से हो सकते हैं।
नीतीश कुमार और RJD के बीच राजनीतिक इतिहास हमेशा तनावपूर्ण रहा है। 2015 में, JD(U) ने RJD और कांग्रेस के साथ मिलकर राज्य सरकार बनाई, लेकिन 2017 में कुमार ने RJD से नाता तोड़कर NDA में वापसी की। अगस्त 2022 में, कुमार ने फिर से महागठबंधन से हाथ मिलाया, लेकिन बाद में NDA में फिर से शामिल हो गए।
अब देखना यह है कि आने वाले समय में बिहार की राजनीति में क्या नया मोड़ आता है, और क्या नीतीश कुमार और बीजेपी के रिश्ते में कोई बदलाव होगा।