नई दिल्ली: चुनाव आयोग (ECI) ने मंगलवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया। दिल्ली में 70 विधानसभा सीटों के लिए मतदान एक ही चरण में 5 फरवरी 2025 (बुधवार) को होगा। मतगणना 8 फरवरी 2025 (शनिवार) को की जाएगी, जिसके बाद दिल्ली के भविष्य का फैसला होगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने जानकारी दी कि दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी 2025 (रविवार) को समाप्त हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत जल्द ही 99 अरब मतदाताओं का आंकड़ा पार करने वाला है और यह उम्मीद जताई कि “दिल्ली दिल से वोट करेगी”।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 का पूरा शेड्यूल
घटना | तिथि | दिन |
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अधिसूचना जारी होना | 10 जनवरी 2025 | शुक्रवार |
नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि | 17 जनवरी 2025 | शुक्रवार |
नामांकन की जांच | 18 जनवरी 2025 | शनिवार |
उम्मीदवारों द्वारा नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि | 20 जनवरी 2025 | सोमवार |
मतदान की तिथि | 5 फरवरी 2025 | बुधवार |
मतगणना | 8 फरवरी 2025 | शनिवार |
चुनाव पूरा होने की अंतिम तिथि | 10 फरवरी 2025 | सोमवार |
दिल्ली में निर्वाचन क्षेत्र और मतदान केंद्र
दिल्ली में कुल 70 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें 58 सामान्य और 12 अनुसूचित जाति (SC) के क्षेत्र शामिल हैं। दिल्ली में कुल 13,033 मतदान केंद्र हैं, जो 2,697 स्थानों पर स्थित हैं।
दिल्ली में मतदाता
दिल्ली में कुल 1.55 करोड़ से अधिक मतदाता हैं, जिनमें 83.49 लाख पुरुष मतदाता, 71.73 लाख महिला मतदाता और 1,261 तीसरे लिंग के मतदाता शामिल हैं। इसके अलावा, दिल्ली में 18-19 वर्ष की आयु के लगभग 2.08 लाख First Time Voter हैं, जो इस बार चुनावों में अपनी भागीदारी करेंगे।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के परिणाम
2020 के विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (AAP) ने 70 में से 62 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) को केवल 8 सीटें मिली थीं। कांग्रेस पार्टी को इस चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली थी।
चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने उठाए मुद्दे
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने राजनीतिक दलों द्वारा उठाए गए कई मुद्दों पर भी टिप्पणी की। इनमें मतदाता सूची में गलत तरीके से नाम जोड़ने या हटाने, ईवीएम में गड़बड़ी, और शाम 5 बजे के बाद मतदान में वृद्धि जैसे आरोप शामिल थे।
उन्होंने कहा कि मतदाता सूची के निर्माण में सभी राजनीतिक दलों की भागीदारी रहती है और यह पूरी तरह से पारदर्शी प्रक्रिया है। चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि कोई भी परिवर्तन या संशोधन सार्वजनिक रूप से घोषित किया जाता है और इसमें राजनीतिक दलों को आपत्ति उठाने का पूरा अधिकार होता है। राजीव कुमार ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर भी भरोसा जताया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों ने 42 बार इन उपकरणों पर विश्वास जताया है।