सड़क दुर्घटना के पीड़ितों की मदद करने वाले को अब मिलेगा ₹25,000 का इनाम: Nitin Gadkari

सड़क दुर्घटना के पीड़ितों की मदद करने वाले को अब मिलेगा ₹25,000 का इनाम: Nitin Gadkari
सड़क दुर्घटना के पीड़ितों की मदद करने वाले को अब मिलेगा ₹25,000 का इनाम: Nitin Gadkari

नागपुर, 15 जनवरी 2025: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क दुर्घटना के पीड़ितों की मदद करने वाले ‘गुड समेरिटन’ के लिए इनाम राशि बढ़ाकर ₹25,000 कर दी है। यह राशि पहले ₹5,000 थी। गडकरी ने यह घोषणा नागपुर में एक सड़क सुरक्षा कार्यक्रम के दौरान की, जिसमें अभिनेता अनुपम खेर भी उनके साथ मौजूद थे।

गडकरी ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में तुरंत चिकित्सा सहायता की महत्ता को समझते हुए इस नई योजना का लाभ उठाना चाहिए। खासकर दुर्घटना के बाद पहले घंटे को ‘गोल्डन आवर’ कहा जाता है, जो किसी भी घायल व्यक्ति के जीवन को बचाने के लिए सबसे अहम समय होता है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि समय पर इलाज से जीवन बचाने की संभावना बढ़ जाती है।

साथ ही, गडकरी ने यह भी बताया कि सरकार सड़क दुर्घटना के पीड़ितों के अस्पताल खर्च को पहले सात दिनों तक ₹1.5 लाख तक कवर करेगी। यह योजना न केवल राष्ट्रीय राजमार्गों पर दुर्घटनाओं के लिए लागू होगी, बल्कि राज्य राजमार्गों पर भी इसका लाभ मिलेगा।

गडकरी ने यह भी बताया कि ‘गुड समेरिटन’ योजना अक्टूबर 2021 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य दुर्घटनाओं के बाद घायल व्यक्तियों को अस्पताल पहुंचाने में मदद करने वाले व्यक्तियों को पुरस्कृत करना है। इस योजना के तहत, जो लोग दुर्घटना के पीड़ितों को ‘गोल्डन आवर’ के भीतर अस्पताल पहुंचाते हैं, उन्हें इनाम के तौर पर यह राशि मिलती है।

‘गुड समेरिटन’ वह व्यक्ति होता है जो बिना किसी भुगतान या पुरस्कार की उम्मीद के, सिर्फ मानवता और करुणा से प्रेरित होकर किसी घायल व्यक्ति की मदद करता है।

गडकरी ने कहा, “इस इनाम राशि में वृद्धि का उद्देश्य और अधिक लोगों को दुर्घटना पीड़ितों की मदद के लिए प्रेरित करना है।” उन्होंने यह भी बताया कि समय पर दखल देने से घायल व्यक्तियों की जीवन रक्षा की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।

भारत में सड़क दुर्घटनाओं की दर बहुत अधिक है और यह दुनिया के सबसे खतरनाक क्षेत्रों में से एक माना जाता है। 2012 से 2022 तक, सड़क दुर्घटनाओं ने भारत में 13 लाख से अधिक लोगों की जान ली है। भारतीय विधि आयोग के अनुसार, इनमें से 50% लोग समय पर इलाज न मिलने के कारण मारे गए और यदि उन्हें समय पर चिकित्सा सहायता मिल जाती, तो उनकी जान बचाई जा सकती थी।

इस नई पहल से यह उम्मीद जताई जा रही है कि लोग ज्यादा संख्या में सड़क दुर्घटनाओं में पीड़ितों की मदद करने आगे आएंगे, जिससे सड़क सुरक्षा में सुधार होगा और लोगों की जान बचाने की संभावना बढ़ेगी।

Digikhabar Editorial Team
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