
भारत के 76वें गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो ने शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित विशेष भोज में हिस्सा लिया। राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस भव्य रात्रिभोज में राष्ट्रपति मुर्मू ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इस मौके पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद थे।
भारतीय डीएनए कनेक्शन पर मजेदार टिप्पणी
भोज के दौरान अपने संबोधन में राष्ट्रपति सुबियांतो ने अपनी भारतीय जड़ों का जिक्र करते हुए माहौल को हल्का-फुल्का बना दिया। उन्होंने बताया कि हाल ही में कराए गए डीएनए टेस्ट में यह पता चला कि उनकी भारतीय वंशावली है। उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा, “कुछ हफ्ते पहले मैंने अपना जेनेटिक सिक्वेंसिंग टेस्ट कराया और मुझे बताया गया कि मेरे डीएनए में भारतीय जड़ें हैं। जब मैं भारतीय संगीत सुनता हूं, तो अपने आप नाचने लगता हूं।” उनकी इस बात पर पूरा हॉल हंसी से गूंज उठा।
भारत और इंडोनेशिया के ऐतिहासिक संबंधों का उल्लेख
राष्ट्रपति सुबियांतो ने भारत और इंडोनेशिया के बीच सदियों पुराने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “भारत और इंडोनेशिया के बीच प्राचीन काल से संबंध हैं। हमारी भाषा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा संस्कृत से लिया गया है। इंडोनेशिया के कई नाम संस्कृत से जुड़े हुए हैं। हमारी दैनिक जीवन में प्राचीन भारतीय सभ्यता का गहरा प्रभाव है। यह हमारे जीन का हिस्सा भी है।”
भव्य परेड में हुए शामिल
इससे पहले, रविवार को राष्ट्रपति सुबियांतो ने कर्तव्य पथ पर आयोजित भारत के 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लिया। उन्होंने भव्य सैन्य परेड और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आनंद लिया। इस मौके पर उनके साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
चौथे इंडोनेशियाई राष्ट्रपति बने गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि
गौरतलब है कि प्रबोवो सुबियांतो गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने वाले इंडोनेशिया के चौथे राष्ट्रपति हैं। इससे पहले भी इंडोनेशिया और भारत के रिश्तों को मजबूत करने के लिए दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने इस मंच का हिस्सा लिया है।
भारत-इंडोनेशिया संबंधों की नई ऊंचाई
राष्ट्रपति सुबियांतो की यह यात्रा भारत और इंडोनेशिया के संबंधों को और प्रगाढ़ करने का संकेत देती है। दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और ऐतिहासिक जुड़ाव के साथ-साथ इस तरह के उच्चस्तरीय संवाद रिश्तों को नई ऊंचाई पर ले जा रहे हैं।