इम्फाल: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने 9 फरवरी को राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना इस्तीफा सौंप दिया। उन्होंने राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात कर अपना त्यागपत्र सौंपा। इस दौरान बीजेपी और नागा पीपुल्स फ्रंट (NPF) के 14 विधायक भी उनके साथ मौजूद थे। बीजेपी की प्रदेश अध्यक्ष ए. शारदा और पार्टी के वरिष्ठ नेता सम्बित पात्रा भी इस बैठक में शामिल रहे।
इस्तीफे के बाद बीरेन सिंह सीधा मुख्यमंत्री सचिवालय पहुंचे। अपने पत्र में उन्होंने लिखा,
“मणिपुर के लोगों की सेवा करना मेरे लिए सम्मान की बात रही है। मैं केंद्र सरकार का आभारी हूं, जिसने राज्य के विकास और यहां की जनता के हितों की रक्षा के लिए विभिन्न परियोजनाओं को लागू किया।”
दिल्ली से लौटने के बाद दिया इस्तीफा
बीरेन सिंह ने इस्तीफा ऐसे समय में दिया जब उन्होंने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और उसके तुरंत बाद मणिपुर लौट आए। इससे पहले, 8 फरवरी को उन्होंने मुख्यमंत्री सचिवालय में बीजेपी गठबंधन के विधायकों की बैठक बुलाई थी।
इस बैठक का आयोजन ऐसे वक्त में किया गया जब विपक्षी कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी शुरू कर दी थी। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि सरकार मणिपुर में जारी जातीय हिंसा को रोकने में नाकाम रही है।
मणिपुर विधानसभा में बीजेपी का बहुमत बरकरार
मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के 32 विधायक हैं, जिनका समर्थन नागा पीपुल्स फ्रंट (NPF) के 5 और जनता दल यूनाइटेड (JDU) के 6 विधायकों से भी प्राप्त है। हालांकि, गठबंधन सहयोगी नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने अपना समर्थन वापस ले लिया था, लेकिन इसके बावजूद बीजेपी को बहुमत हासिल है।
दूसरी ओर, कांग्रेस के पास महज 5 विधायक हैं, जबकि विपक्षी एनपीपी के 7 विधायक हैं। इसके अलावा, विधानसभा में तीन निर्दलीय विधायक और कुकी पीपुल्स एलायंस के 2 सदस्य भी हैं।
अविश्वास प्रस्ताव और आगामी विधानसभा सत्र
बीरेन सिंह का यह इस्तीफा ऐसे समय आया है जब मणिपुर विधानसभा का 7वां सत्र 10 फरवरी से शुरू होने वाला है। माना जा रहा है कि विपक्ष इस सत्र में बीजेपी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने की कोशिश कर सकता है।
राजनीतिक जानकारों के अनुसार, बीरेन सिंह का इस्तीफा राज्य की राजनीतिक परिस्थितियों और दिल्ली में हुई अहम बैठकों के बाद लिया गया फैसला हो सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी अगला मुख्यमंत्री किसे बनाती है और राज्य की राजनीति किस दिशा में आगे बढ़ती है।