नई दिल्ली: दिल्ली की राजनीति में लंबे समय बाद बड़ा बदलाव आया है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 27 साल बाद सत्ता में वापसी करते हुए पहली बार की विधायक रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी है। बुधवार को पार्टी की विधायक दल की बैठक में रेखा गुप्ता के नाम की घोषणा की गई। इस बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक रवि शंकर प्रसाद और ओम प्रकाश धनखड़ भी मौजूद थे।
छात्र राजनीति से मुख्यमंत्री पद तक
रेखा गुप्ता का राजनीतिक सफर छात्र राजनीति से शुरू होकर दिल्ली की सत्ता के शीर्ष तक पहुंचा है। उन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत 1992 में दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज से की थी, जब वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की सदस्य बनीं।
- 1996-97 में वे दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) की अध्यक्ष बनीं और छात्रों से जुड़े मुद्दों को प्रभावी तरीके से उठाया।
- 2007 में वे नॉर्थ पीतमपुरा से पार्षद चुनी गईं, जहां उन्होंने सार्वजनिक सुविधाओं जैसे पुस्तकालय, पार्क और स्विमिंग पूल के विकास पर काम किया।
- 2012 में दोबारा पार्षद बनने के बाद उन्हें साउथ दिल्ली नगर निगम (SDMC) का मेयर चुना गया, जिससे उनकी प्रशासनिक क्षमता और मजबूत हुई।
महिला सशक्तिकरण के लिए किए गए कार्य
रेखा गुप्ता महिलाओं और कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए लगातार काम करती रही हैं। उनके नेतृत्व में “सुमेधा योजना” शुरू की गई, जिसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर लड़कियों को उच्च शिक्षा में सहायता देना है।
इसके अलावा, उन्होंने महिला कल्याण एवं बाल विकास समिति की अध्यक्ष के रूप में महिला सशक्तिकरण के कई अभियानों को आगे बढ़ाया। उनके काम का असर समाज के कई हिस्सों में देखा गया है, जिससे उनकी छवि एक मजबूत और संवेदनशील नेता के रूप में बनी।
परिवार से मिली समाज सेवा की प्रेरणा
रेखा गुप्ता का झुकाव शुरू से ही समाज सेवा की ओर रहा। उनके परिवार ने हमेशा जनकल्याण को प्राथमिकता दी, जिसका असर उनके कार्यों में भी दिखता है। उन्होंने राजनीतिक और सामाजिक दोनों स्तरों पर लगातार सक्रिय रहकर समाज के वंचित वर्गों की मदद की है।
दिल्ली चुनाव में ऐतिहासिक जीत
2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में रेखा गुप्ता ने शालीमार बाग (उत्तर-पश्चिम) सीट से जीत दर्ज की। उन्होंने 68,200 वोट हासिल किए, जो यह दर्शाता है कि जनता ने उन्हें पूरी तरह से समर्थन दिया है।
नई मुख्यमंत्री के सामने बड़ी चुनौतियां
बीजेपी ने 70 में से 48 सीटें जीतकर दिल्ली की सत्ता में वापसी की, लेकिन मुख्यमंत्री के रूप में रेखा गुप्ता के सामने कई अहम चुनौतियां होंगी।
- यमुना की सफाई और प्रदूषण नियंत्रण
- महिलाओं की सुरक्षा को और मजबूत बनाना
- सस्ती और सुलभ शिक्षा व्यवस्था को बढ़ावा देना
- ट्रैफिक और परिवहन व्यवस्था में सुधार
बीजेपी को दिल्ली में मिलेगी स्थायी जड़ें?
दिल्ली में 27 साल बाद बीजेपी की सत्ता में वापसी एक बड़ी उपलब्धि है, लेकिन इसे स्थायी आधार पर बनाए रखना मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा। अब देखना होगा कि वे दिल्ली की जनता की उम्मीदों पर कितनी खरी उतरती हैं।