अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध में शुरू हुआ झड़प, चीन ने युद्ध की दी धमकी

अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध में शुरू हुआ झड़प, चीन ने युद्ध की दी धमकी
अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध में शुरू हुआ झड़प, चीन ने युद्ध की दी धमकी

अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव एक बार फिर बढ़ गया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कांग्रेस के संयुक्त सत्र में चीन के खिलाफ तीखी टिप्पणी की और इसके बाद चीन ने जोरदार प्रतिक्रिया दी। ट्रंप ने अपनी स्पीच में चीन सहित कई देशों पर अमेरिकी वस्तुओं पर ऊंचे टैरिफ लगाने का आरोप लगाया, जिसे उन्होंने अमेरिकी हितों के खिलाफ आर्थिक आक्रमण बताया।

ट्रंप ने कहा, “अब हमारी बारी है कि हम इन देशों के खिलाफ टैरिफ का इस्तेमाल करें। औसतन, यूरोपीय संघ, चीन, ब्राजील, भारत, मेक्सिको और कनाडा हमसे कहीं अधिक टैरिफ वसूलते हैं,” और इस असमानता पर ध्यान दिलाते हुए उन्होंने कहा, “भारत हमसे 100% से अधिक के टैरिफ लेता है। चीन का औसत टैरिफ हमारे उत्पादों पर हमारे द्वारा लगाए गए टैरिफ से दोगुना है, और दक्षिण कोरिया का औसत टैरिफ चार गुना अधिक है।”

चीन ने इन आरोपों का कड़ा जवाब देते हुए अपने दूतावास के जरिए एक सख्त बयान जारी किया। चीनी दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर चेतावनी दी कि अगर अमेरिका कोई भी युद्ध शुरू करता है, चाहे वह टैरिफ युद्ध हो, व्यापार युद्ध हो या कोई अन्य प्रकार का युद्ध, तो चीन इसका डटकर मुकाबला करेगा। “अगर अमेरिका युद्ध चाहता है, तो चाहे वह टैरिफ युद्ध हो, व्यापार युद्ध हो या कोई और प्रकार का युद्ध, हम अंतिम तक लडऩे के लिए तैयार हैं,” दूतावास ने कहा, यह स्पष्ट करते हुए कि चीन अपने आर्थिक हितों की रक्षा करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

चीन के इस जवाब के कुछ ही समय बाद, ट्रंप ने चीन पर पहले से लगाए गए टैरिफ को 10% से बढ़ाकर 20% कर दिया। इस कदम ने चीन को और अधिक चिंतित किया, और चीन ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई, जिसमें अमेरिका के एकतरफा कर उपायों को गंभीर रूप से WTO नियमों का उल्लंघन बताया और कहा कि यह दोनों देशों के बीच स्थापित आर्थिक और व्यापारिक ढांचे को कमजोर कर रहा है।

चीन के विदेश मंत्रालय ने ट्रंप द्वारा फेंटानिल संकट के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराए जाने के आरोपों का भी विरोध किया। मंत्रालय ने अमेरिकी सरकार पर फेंटानिल संकट का बहाना बनाकर टैरिफ बढ़ाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह एक गलत आरोप और एक पक्षपाती बयान था।

चीन और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव अब और अधिक गहरा गया है, और दोनों देशों के बीच इस मामले को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। यह वैश्विक अर्थव्यवस्था और व्यापारिक संबंधों पर भी गंभीर प्रभाव डाल सकता है।

Digikhabar Editorial Team
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