संभल जिले की जिला न्यायालय ने गुरुवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को नोटिस जारी किया है। उन्हें अपनी आपत्ति का जवाब देने या 4 अप्रैल को अदालत में पेश होने के लिए कहा गया है। यह कदम राहुल गांधी के उस बयान से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने कहा था, “हमारा संघर्ष भाजपा या संघ से नहीं, बल्कि भारतीय राज्य से है।”
विवादित बयान
यह मामला 15 जनवरी 2025 का है, जब राहुल गांधी ने पार्टी के नए मुख्यालय ‘इंदिरा भवन’ के उद्घाटन के दौरान कहा था कि कांग्रेस और विपक्षी दल अब केवल भाजपा और आरएसएस से नहीं, बल्कि भारतीय राज्य से भी लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा था, “हमारे विचारधारा, जैसे आरएसएस की विचारधारा, हजारों साल पुरानी है, और यह आरएसएस की विचारधारा से हजारों सालों से लड़ रही है।”
मामला और जमानत
इस बयान के खिलाफ विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट में एक एफआईआर दर्ज कराने के लिए शिकायत दायर की गई थी, लेकिन सीजेएम ने इस मामले को अधिकार क्षेत्र की कमी के आधार पर खारिज कर दिया था। इसके बाद, अधिवक्ता सचिन गोयल ने इस आदेश के खिलाफ संशोधन याचिका दायर की, जिसके बाद जिला न्यायालय ने राहुल गांधी को 4 अप्रैल को अदालत में पेश होने का आदेश दिया।
राजनीतिक विवाद
राहुल गांधी का यह बयान भाजपा और आरएसएस की आलोचना के साथ भारतीय राज्य की संस्थाओं पर नियंत्रण का आरोप भी था। इस बयान को लेकर राजनीतिक हलकों में भारी बहस हुई, और अब इस मामले की न्यायिक सुनवाई होने जा रही है।