बलिया जिले के नग्रा क्षेत्र के एक गांव में 20 साल की युवती का शव पेड़ से लटका हुआ मिला, जिसके हाथ पीछे से बंधे थे। पुलिस के मुताबिक, यह मामला प्रथम दृष्टया प्रेम प्रसंग से जुड़ा लग रहा है, लेकिन परिवार ने हत्या का आरोप लगाते हुए गंभीर सवाल उठाए हैं। युवती की नानी ने कहा, “25 अप्रैल को उसकी शादी होने वाली थी। शव की हालत से साफ है कि यह आत्महत्या नहीं है। कई लोग इस घटना में शामिल हैं। हमें इंसाफ चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”
पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने बताया कि युवती पिछले दो दिनों से घर पर अकेली थी, क्योंकि उसके माता-पिता लखनऊ में इलाज के लिए गए थे। 112 हेल्पलाइन के जरिए सूचना मिलने के बाद पुलिस, क्राइम ब्रांच और सर्विलांस टीम मौके पर पहुंची। शव जामुन के पेड़ से 6 फीट की ऊंचाई पर लटका मिला। उन्होंने कहा, “शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। चार टीमें मामले की जांच कर रही हैं, जिसमें स्थानीय पुलिस, सर्विलांस, रसड़ा के सर्किल ऑफिसर और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शामिल हैं।”
पुलिस के अनुसार, युवती का भाई गुजरात में और बहन असम में अपने परिवार के साथ रहती है। आसपास का निकटतम घर 40-50 मीटर दूर है। शव उसके घर से 6-7 फीट की दूरी पर मिला। यौन उत्पीड़न के सवाल पर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।
विपक्षी दलों ने इस घटना पर बीजेपी सरकार को घेरा। समाजवादी पार्टी ने एक्स पर लिखा, “आदित्यनाथ सरकार की नाकामी से बेटियां शिकार बन रही हैं! बलिया में 17 साल की लड़की का शव पेड़ से लटका मिला। बीजेपी राज में बहन-बेटियां रोज मर रही हैं, और बलात्कार और शोषण का शिकार हो रही हैं। क्या यही है मुख्यमंत्री का ‘जीरो टॉलरेंस’? दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो और इंसाफ मिले।” कांग्रेस ने भी कहा, “बीजेपी सरकार में बहन-बेटियों के साथ रोज ऐसी दिल दहलाने वाली घटनाएं हो रही हैं, लेकिन बाबाजी को सत्ता के सुख से आगे कुछ दिखाई नहीं देता।” दोनों दलों ने सरकार से परिवार को न्याय दिलाने की मांग की।