रॉबर्ट वाड्रा को ED का दूसरा समन, हरियाणा की शिकोहपुर डील पर फिर घिरी कांग्रेस

रॉबर्ट वाड्रा को ED का दूसरा समन, हरियाणा की शिकोहपुर डील पर फिर घिरी कांग्रेस
रॉबर्ट वाड्रा को ED का दूसरा समन, हरियाणा की शिकोहपुर डील पर फिर घिरी कांग्रेस

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मंगलवार को दूसरा समन भेजा है। यह समन हरियाणा के शिकोहपुर भूमि सौदे से जुड़े एक बड़े घोटाले की जांच के सिलसिले में जारी किया गया है।

जानकारी के अनुसार, ईडी ने इससे पहले 8 अप्रैल को वाड्रा को समन भेजा था, जिसे उन्होंने नज़रअंदाज़ कर दिया था। एजेंसी अब उनकी कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी द्वारा 2008 में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से 3.5 एकड़ ज़मीन खरीदने और फिर डीएलएफ को बेचने में हुए कथित वित्तीय गड़बड़ियों की जांच कर रही है।

क्या है शिकोहपुर ज़मीन घोटाला?

2008 में स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने गुरुग्राम के शिकोहपुर में 3.5 एकड़ ज़मीन ₹7.5 करोड़ में खरीदी थी। बाद में कंपनी को उस ज़मीन के लिए कमर्शियल लाइसेंस मिला, और कुछ ही समय में वह ज़मीन डीएलएफ को ₹58 करोड़ में बेच दी गई। इस सौदे ने ईडी को शक में डाल दिया कि कहीं यह रकम मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए तो नहीं हासिल की गई।

पुरानी जांच, नई गरमी

गौरतलब है कि 2012 में इस ज़मीन सौदे की म्यूटेशन को वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने रद्द कर दिया था। उसी समय से यह मामला सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना रहा। भाजपा ने 2014 के लोकसभा और हरियाणा विधानसभा चुनावों में इसे कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार का बड़ा प्रतीक बताया था।

कांग्रेस और वाड्रा का इंकार

कांग्रेस पार्टी, रॉबर्ट वाड्रा और उस समय हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बार-बार किसी भी तरह के भ्रष्टाचार से इनकार किया है। उनका कहना है कि ज़मीन की खरीद-फरोख्त में कोई अवैधता नहीं हुई। अब जबकि ईडी ने दूसरा समन भेज दिया है, सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या वाड्रा अब पेश होंगे या फिर जांच एजेंसियों को एक और टालमटोल का सामना करना पड़ेगा।