क्या कोविड वैक्सीन और हार्ट अटैक के बीच है संबंध, स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया भ्रामक सच

क्या कोविड वैक्सीन और हार्ट अटैक के बीच है संबंध, स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया भ्रामक सच
क्या कोविड वैक्सीन और हार्ट अटैक के बीच है संबंध, स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया भ्रामक सच

नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 वैक्सीन को अचानक हार्ट अटैक से जोड़ने वाले दावों को सख्ती से खारिज किया है। मंत्रालय ने इन दावों को “भ्रामक और तथ्यहीन” करार देते हुए चेतावनी दी कि ऐसी अफवाहें देश में वैक्सीन के प्रति हिचकिचाहट बढ़ा सकती हैं और जनस्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकती हैं।

यह प्रतिक्रिया तब आई जब कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हाल ही में कोविड टीकाकरण और हार्ट अटैक के मामलों में बढ़ोतरी के बीच संबंध होने की बात कही थी। इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्रालय ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR), नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) और एम्स द्वारा किए गए वैज्ञानिक अध्ययनों का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे किसी भी संबंध की पुष्टि नहीं हुई है।

ICMR और AIIMS के अध्ययन में साफ इनकार

ICMR के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी द्वारा किए गए एक प्रमुख अध्ययन—”18 से 45 वर्ष के वयस्कों में अस्पष्टीकृत अचानक मौत के कारण”—में पाया गया कि कोविड टीकाकरण से इन मौतों का कोई संबंध नहीं है। अध्ययन में 19 राज्यों के 47 अस्पतालों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया।

दूसरा अध्ययन, जो कि AIIMS और ICMR द्वारा मिलकर किया जा रहा है, का शीर्षक है—”युवाओं में अचानक मौत के कारणों की पहचान”। इस शोध में शुरुआती निष्कर्ष बताते हैं कि दिल का दौरा प्रमुख कारण बना हुआ है और टीकाकरण के बाद किसी असामान्य बढ़ोतरी की पुष्टि नहीं हुई है। अधिकांश मामलों में आनुवंशिक विकृति और पूर्व से मौजूद बीमारियों को जिम्मेदार पाया गया है।

टीका सुरक्षित, अटकलें खतरनाक

स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि भारत में इस्तेमाल होने वाले कोविड-19 टीके सुरक्षित और प्रभावी हैं। गंभीर दुष्प्रभाव के मामले बेहद दुर्लभ हैं। मंत्रालय ने कहा कि अचानक दिल के दौरे अक्सर जीवनशैली, जेनेटिक्स और पूर्व-स्थित स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़े होते हैं, न कि वैक्सीन से।

एक अधिकारी ने कहा, “ऐसे अटकलों पर आधारित दावे जनता के बीच वैक्सीन के प्रति विश्वास को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह वही औजार है जिसने महामारी के दौरान लाखों जानें बचाई हैं।”

नेताओं और प्रभावशाली लोगों से अपील

सरकार ने सभी राजनीतिक नेताओं और प्रभावशाली हस्तियों से आग्रह किया है कि वे बिना वैज्ञानिक प्रमाण के कोई भी टिप्पणी न करें। सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े मामलों में केवल वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर ही बयान दिए जाने चाहिए।

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, ICMR और AIIMS के अध्ययन इस बात की सबसे ठोस पुष्टि करते हैं कि कोविड वैक्सीन का अचानक हुई मौतों से कोई संबंध नहीं है और टीकाकरण प्रक्रिया पूरी तरह सुरक्षित है।