नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार, 2 जुलाई को दिसंबर 2023 में संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में आरोपी नीलम आज़ाद और महेश कुमावत को जमानत दे दी। न्यायमूर्ति सुब्रमणियम प्रसाद और हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने दोनों आरोपियों को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के दो जमानती पेश करने की शर्त पर यह राहत दी।
अदालत ने जमानत देते हुए यह भी निर्देश दिया कि दोनों आरोपी मीडिया को कोई इंटरव्यू नहीं देंगे और न ही इस घटना से संबंधित कोई सोशल मीडिया पोस्ट करेंगे।
क्या था संसद सुरक्षा उल्लंघन मामला?
यह मामला 13 दिसंबर 2023 का है, जो 2001 के संसद हमले की बरसी भी थी। उस दिन आरोपी सागर शर्मा और मनोरंजन डी लोकसभा की दर्शक दीर्घा से कूदकर शून्यकाल के दौरान संसद कक्ष में पहुंचे और गैस केनिस्टर से पीली गैस छोड़ी और नारेबाजी की। सांसदों ने उन्हें मौके पर ही काबू में किया।
इसी समय संसद भवन परिसर के बाहर दो अन्य आरोपी — अमोल शिंदे और नीलम आज़ाद — ने भी रंगीन गैस छोड़ी और “तानाशाही नहीं चलेगी” के नारे लगाए।
कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्तों को जमानत इस शर्त पर दी जा रही है कि वे जांच में सहयोग करेंगे और मीडिया में किसी भी प्रकार की टिप्पणी या प्रचार नहीं करेंगे। इस मामले में अन्य आरोपियों की जमानत याचिकाएं भी विचाराधीन हैं।
इस घटना ने देश की संसद सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए थे और इसके बाद संसद भवन की सुरक्षा को लेकर नए सिरे से समीक्षा की गई थी।