
पटना: बिहार में महिलाओं को मुफ्त सैनिटरी पैड वितरित करने की कांग्रेस की योजना अब राजनीतिक विवाद का कारण बन गई है। प्रियदर्शिनी उड़ान योजना के तहत वितरित किए जा रहे इन पैकेट्स पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की तस्वीरें छपी हैं, जिसे लेकर विपक्षी दलों ने तीखा विरोध जताया है।
क्या है योजना?
कांग्रेस ने बिहार में ‘प्रियदर्शिनी उड़ान योजना’ की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण और शहरी महिलाओं में माहवारी स्वच्छता (menstrual hygiene) को लेकर जागरूकता फैलाना है। इसके तहत पार्टी ने घोषणा की है कि वह 5 लाख से अधिक सैनिटरी पैड बॉक्स मुफ्त में वितरित करेगी।
बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार ने शुक्रवार को इसका औपचारिक ऐलान करते हुए कहा:
“यह अभियान हमारी बड़ी महिला केंद्रित रणनीति का हिस्सा है। यह उसी वादे का हिस्सा है जिसके अंतर्गत ‘माई बहिन सम्मान योजना’ के तहत हर महिला को ₹2,500 मासिक सहायता देने का वादा किया गया है। हम महिलाओं को मुफ्त सैनिटरी नैपकिन देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
विपक्ष का हमला: “महिलाओं की गरिमा के साथ खिलवाड़”
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने कांग्रेस की इस योजना को “राजनीतिक नौटंकी” करार दिया।
जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा:
“कांग्रेस पार्टी को आखिर हो क्या गया है? चुनावी साल आते ही महिलाओं को वोट बैंक मानकर उनके सम्मान को राजनीतिक हथियार बना दिया गया है। महिलाएं सम्मान का प्रतीक होती हैं, और कांग्रेस ने अपने नेताओं की तस्वीरें सैनिटरी पैड्स पर लगाकर उनका अपमान किया है।”
उन्होंने आगे कहा:
“मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वर्षों से बेटियों और बहनों को सशक्त करने के लिए काम कर रहे हैं। लेकिन कांग्रेस ने दिखा दिया कि उसके लिए महिला सशक्तिकरण एक चुनावी स्टंट से ज्यादा कुछ नहीं है।”
कांग्रेस का जवाब: “मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश”
कांग्रेस ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह योजना पूरी तरह महिलाओं के स्वास्थ्य और जागरूकता पर केंद्रित है। पार्टी के एक प्रवक्ता ने कहा:
“हमारे नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी महिला मुद्दों पर लगातार मुखर रहे हैं। यह योजना केवल जागरूकता और स्वास्थ्य से जुड़ी है, इसे चुनावी चश्मे से देखना दुर्भाग्यपूर्ण है।”
सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर भी इस अभियान को लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ लोग कांग्रेस की इस पहल की तारीफ कर रहे हैं, जबकि कई यूज़र्स सवाल उठा रहे हैं कि क्या सैनिटरी नैपकिन जैसे व्यक्तिगत उत्पाद पर किसी पुरुष नेता की तस्वीर लगाना उचित है?
जहां कांग्रेस इसे एक महिला सशक्तिकरण का प्रयास बता रही है, वहीं विपक्ष इसे एक चुनावी पब्लिसिटी स्टंट मान रहा है। तस्वीरों का चुनाव एक संवेदनशील मुद्दा बन गया है, और आने वाले दिनों में इस पर राजनीतिक बहस और भी तेज़ हो सकती है।