नई दिल्ली: गुरुवार सुबह दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के हल्के झटकों ने लोगों को डरा दिया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.1 मापी गई। राष्ट्रीय भूकंपीय विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, इसका केंद्र हरियाणा के झज्जर से 4 किमी उत्तर-पूर्व में था और यह भूकंप भूमि की सतह से 14 किमी गहराई में उत्पन्न हुआ।
दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम समेत कई इलाकों में महसूस हुए झटके
भूकंप के झटके दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद और आसपास के क्षेत्रों में महसूस किए गए। जैसे ही घरों के पंखे और अन्य सामान हिलने लगे, लोग घबराकर अपने घरों से बाहर निकल आए। दफ्तरों में मौजूद लोगों ने भी कंपन महसूस किया, जिससे कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
मेरठ और शामली तक पहुंचे झटके
दिल्ली से क़रीब 200 किमी दूर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ और शामली में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि, भूकंप की तीव्रता अधिक नहीं होने के कारण कहीं से किसी बड़े नुकसान या जान-माल की हानि की सूचना नहीं मिली है।
Shallow भूकंप होने के कारण नुकसान की संभावना रहती है अधिक
NCS के अनुसार यह भूकंप शैलो (shallow) श्रेणी का था, यानी सतह से करीब 10-14 किमी नीचे केंद्रित था। ऐसे भूकंप कम गहराई पर उत्पन्न होते हैं, इसलिए इनमें नुकसान की संभावना अधिक होती है। हालांकि, इस मामले में तीव्रता मध्यम होने के कारण कोई गंभीर नुकसान नहीं हुआ।
दिल्ली उच्च जोखिम वाले भूकंपीय क्षेत्र (Zone IV) में आता है
विशेषज्ञों के मुताबिक, दिल्ली भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र है और यह जोन IV में आता है, जो देश की दूसरी सबसे उच्च श्रेणी है। पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली-एनसीआर में 4.0 से 4.5 तीव्रता के कई भूकंप आ चुके हैं। हालांकि, पिछले 10 वर्षों में 5.0 से अधिक तीव्रता वाला कोई भूकंप दर्ज नहीं किया गया है।
असम के कार्बी आंगलोंग में भी आया 4.1 तीव्रता का भूकंप
इसी दिन सुबह असम के कार्बी आंगलोंग ज़िले में भी 4.1 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। सुबह 9:22 बजे आए इस भूकंप का केंद्र 25 किमी की गहराई में था और यह 26.51°N अक्षांश और 93.15°E देशांतर पर केंद्रित था। स्थानीय लोगों ने झटके महसूस किए, जिससे कुछ देर के लिए हल्का डर का माहौल बना, लेकिन कहीं से किसी प्रकार के नुकसान की सूचना नहीं मिली।
सतर्कता ज़रूरी
विशेषज्ञों का कहना है कि भूकंप पूर्वानुमानित नहीं होते, इसलिए सभी नागरिकों को जागरूक रहना और सुरक्षा उपायों का पालन करना आवश्यक है।
सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से नागरिकों को भूकंप के दौरान और बाद में अपनाए जाने वाले सुरक्षा निर्देशों को मानने की सलाह दी गई है।