भारत के राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने घोषणा की है कि शैक्षणिक सत्र 2025–26 से कक्षा 8 में “आर्ट” विषय को अनिवार्य किया जाएगा। इसका उद्देश्य छात्रों के रचनात्मक और अनुभवात्मक विकास को बढ़ावा देना है।
नया पाठ्यपुस्तक ‘Kriti’
इस बदलाव के साथ NCERT ने कक्षा 8 के लिए एक नया कला पाठ्यपुस्तक ‘Kriti‘ जारी किया है। यह किताब थिएटर, संगीत, ड्रामा और दृश्य कला जैसे विषयों को समाहित करती है। अब चाहे छात्र उस विषय का चुनाव न करें, फिर भी उन्हें पास होना होगा ताकि वे अगली कक्षा में प्रवेश कर सकें ।
क्यों ज़रूरी?
यह निर्णय भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) और स्कूल शिक्षा हेतु राष्ट्रीय पाठ्यक्रम ढाँचा (NCF-SE 2023) के अनुरूप है। इन नीतियों के अनुसार, शिक्षा को केवल रटंत नहीं बल्कि रचनात्मक, अनुभवात्मक और समावेशी होना चाहिए।
किन-किन विषयों को शामिल किया गया है?
- थिएटर और ड्रामा- मंचीय कला, अभिनय, संवाद।
- संगीत- गायन, वाद्य, लयभाव।
- दृश्य कला (Visual Arts- चित्रकला, थ्री‑डी कला, हस्तकला आदि।
ये सभी क्षमताएँ छात्रों के आत्मविश्वास, सृजनशीलता और सामाजिक समझ को बढ़ाती हैं।
शिक्षण पद्धति और लक्ष्य
NCF-SE और NCERT की रिपोर्ट्स के अनुसार, कला शिक्षा बच्चों को रटे हुए ज्ञान की जगह स्वनिर्मित और अनुभवजन्य सीख प्रदान करती है। इससे सीखना आनंददायक और यादगार बन जाता है ।
विद्यालयों में न केवल कला की मूल बातें सिखाई जाएँगी, बल्कि स्थानीय कलाकारों की मदद से वर्कशॉप, प्रदर्शनी और समूह गतिविधियाँ आयोजित की जाएँगी । इसे खास तालीमी माहौल माना गया है, जहाँ पढ़ाई सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रहती।
लाभ जो विद्यार्थियों को होंगे:
- रचनात्मक सोच और कल्पनाशीलता का विकास
- आत्मविश्वास और प्रस्तुति कौशल में सुधार
- टीम वर्क व सहकार्य की समझ
- सांस्कृतिक जागरूकता और परंपराओं की पहचान
कक्षा 8 से ‘Art’ विषय का अनिवार्य होना भारत में शिक्षा में बदलाव की एक नई शुरुआत है। सिर्फ पढ़ाई तक सीमित न रहकर यह बच्चों को कला, सृजन और सांस्कृतिक समृद्धि की ओर प्रेरित करेगा। इससे बच्चों की सम्पूर्ण व्यक्तिगत और भावनात्मक विकास संभव है।