राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन हरिवंश नारायण सिंह ने मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। यह मुलाकात उस दिन हुई जब जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति और राज्यसभा अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।
हरिवंश की क्या है भूमिका?
- हरिवंश सिंह राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन हैं और अब तक 2020 से इस पद पर कार्यरत हैं।
- धनखड़ के इस्तीफे के बाद उन्होंने सुबह की कार्यवाही की अध्यक्षता की।
धनखड़ का अचानक इस्तीफा, स्वास्थ्य या सियासत?
- उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, जो अगस्त 2022 से काम कर रहे थे, ने अचानक स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला देकर इस्तीफा दिया।
- इस्तीफा संसद के मानसून सत्र के पहले दिन ही दे दिया गया, जिससे राजनीतिक गलियारे में हलचल मच गई।
- सूत्रों के अनुसार, विपक्ष द्वारा उठाए गए जस्टिस यशवंत वर्मा के प्रति अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार करने पर सरकार नाराज़ हो सकती है, और यह इस्तीफा उसी का संकेत हो सकता है।
संवैधानिक प्रक्रिया, Article 67(a)
- भारत का संविधान अनुच्छेद 67(a) उपराष्ट्रपति को स्वेच्छा से इस्तीफा देने की अनुमति देता है।
- धनखड़ ने इसी अनुच्छेद के तहत राष्ट्रपति को अपनी सेहत को प्राथमिकता देने की जानकारी दी।
आगे क्या होगा, अगला चुनाव कब?
- इस्तीफा तुरंत मान लिया गया और अब राज्यसभा डिप्टी चेयरमैन हरिवंश सिंह अस्थायी रूप से सत्र की संचालन देख रहे हैं।
- अनुच्छेद 67 के अनुसार, अगले 60 दिनों में नया उपराष्ट्रपति चुना जाना अनिवार्य है, संभावना है कि यह प्रक्रिया सितंबर तक पूरी हो जाएगी।
धनखड़ का अचानक इस्तीफा न सिर्फ उनके स्वास्थ्य की चिंता उठाता है, बल्कि राजनीतिक मायने में भी महत्वपूर्ण सवाल खड़े करता है। हरिवंश की राष्ट्रपति से मुलाकात ने संकेत दिया कि अगले महीने तक संभावित नया चुनाव संपन्न हो सकता है। यह घटनाक्रम देश की राजनीति और संवैधानिक प्रक्रिया दोनों के लिहाज़ से काफी अहम माना जा रहा है।