नई दिल्ली: शिक्षा मंत्रालय ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की कुलपति शांतिश्री धुलीपुडी पंडित से एक महत्वपूर्ण सम्मेलन में अनुपस्थित रहने को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है। सूत्रों के अनुसार कुलपति बिना पूर्व अनुमति लिए मंत्रालय द्वारा आयोजित केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के सम्मेलन में शामिल नहीं हुईं, जिसे मंत्रालय ने गंभीरता से लिया है।
जानकारी के अनुसार, यह सम्मेलन 10 और 11 जुलाई को गुजरात के केवड़िया में आयोजित किया गया था। इस दो दिवसीय आयोजन का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के पांच वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर उच्च शिक्षण संस्थानों की प्रगति की समीक्षा करना और उसके प्रभावी क्रियान्वयन पर विचार-विमर्श करना था। सम्मेलन में देशभर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने भाग लिया।
मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि सम्मेलन का निमंत्रण पहले ही भेजा जा चुका था और कुलपतियों को इसमें भाग लेने के लिए औपचारिक अनुमति प्राप्त करना आवश्यक होता है। जेएनयू में उसी समय एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, लेकिन मंत्रालय की नजर में केवड़िया सम्मेलन को प्राथमिकता दी जानी चाहिए थी।
अब तक कुलपति शांतिश्री धुलीपुडी पंडित की ओर से इस मामले में कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। शिक्षा मंत्रालय द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरण के जवाब के बाद ही स्थिति और स्पष्ट होगी। इस पूरे घटनाक्रम को शिक्षा मंत्रालय ने प्रशासनिक प्रक्रिया की दृष्टि से गंभीर माना है और आगे ऐसी चूक न हो, इसके लिए संकेत भी दिए जा रहे हैं।