ISIS मॉड्यूल और ISI नेटवर्क का भंडाफोड़, दिल्ली पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 8 संदिग्ध गिरफ्तार

ISIS मॉड्यूल और ISI नेटवर्क का भंडाफोड़, दिल्ली पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 8 संदिग्ध गिरफ्तार
ISIS मॉड्यूल और ISI नेटवर्क का भंडाफोड़, दिल्ली पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 8 संदिग्ध गिरफ्तार

नई दिल्ली: देश की सुरक्षा एजेंसियों ने आतंक और जासूसी के खिलाफ एक बड़ी सफलता हासिल की है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की अगुवाई में हुए एक व्यापक अभियान में दो अलग-अलग खतरनाक नेटवर्कों का पर्दाफाश किया गया है।

एक ओर जहां ISIS से जुड़े आतंकी मॉड्यूल को ध्वस्त कर मुंबई से लेकर रांची तक 8 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी कर रहे एक अंतरराष्ट्रीय सिम रैकेट का भी खुलासा हुआ है। यह दोहरी कार्रवाई देश के खिलाफ सक्रिय दुश्मनों के मंसूबों पर करारा प्रहार है।

ISIS नेटवर्क की चपेट में रांची से मुंबई तक

ISIS मॉड्यूल के खिलाफ कार्रवाई की शुरुआत एक प्रमुख आरोपी आफताब की गिरफ्तारी से हुई, जिसे मुंबई से दबोचा गया। इसके बाद दिल्ली पुलिस, केंद्रीय खुफिया एजेंसियों, झारखंड ATS और राज्य पुलिस बलों ने मिलकर देश के 12 से अधिक स्थानों पर एक साथ छापेमारी की।

रांची के लोअर बाजार थाना क्षेत्र स्थित एक लॉज से गिरफ्तार असहर दानिश इस नेटवर्क का एक और अहम सदस्य है, जो बोकारो का निवासी बताया जा रहा है। पुलिस के अनुसार, यह गिरफ्तारी दिल्ली में दर्ज एक आतंकी गतिविधि से जुड़े मामले के आधार पर की गई।

पूरे रांची क्षेत्र में तलाशी अभियान जारी है और स्थानीय खुफिया इकाइयों को भी सक्रिय कर दिया गया है ताकि नेटवर्क के और सदस्यों तक पहुंचा जा सके।

ISI के लिए सिम सप्लाई: नेपाली नागरिक की गिरफ्तारी

दूसरी ओर, ISI के जासूसी नेटवर्क को लेकर दिल्ली पुलिस ने एक और बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने नेपाल निवासी प्रभात कुमार चौरसिया को गिरफ्तार किया है, जो भारतीय सिम कार्ड नेपाल के रास्ते पाकिस्तान भेज रहा था।

जांच में सामने आया है कि प्रभात को अमेरिका का वीजा दिलाने का झांसा देकर इस नेटवर्क से जोड़ा गया। वह बिहार और महाराष्ट्र से आधार कार्ड के जरिये सिम कार्ड खरीदता था और उन्हें पाकिस्तान में स्थित ISI एजेंटों तक पहुंचाता था।

पुलिस के अनुसार, इन सिम कार्ड्स का उपयोग लाहौर और बहावलपुर में बैठकर भारतीय सेना और सुरक्षा प्रतिष्ठानों की जासूसी के लिए किया जा रहा था। ये सिम्स व्हाट्सएप और अन्य मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स पर सक्रिय थे।

पूछताछ जारी, और गिरफ्तारियों की संभावना

दोनों मामलों में गिरफ्तार आरोपियों से लगातार पूछताछ चल रही है और पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही नेटवर्क से जुड़े और नाम सामने आएंगे। सुरक्षा एजेंसियां अब उन सभी ठिकानों और डिजिटल माध्यमों की गहराई से जांच कर रही हैं, जिनका उपयोग इन नेटवर्क्स ने किया।

विशेष सूत्रों का कहना है कि कुछ संदिग्धों की विदेशी लिंक भी सामने आई हैं, जिनकी पुष्टि के लिए इंटरपोल और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से समन्वय किया जा रहा है। इस दोहरी कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि देश की सुरक्षा एजेंसियां किसी भी साजिश को नाकाम करने के लिए पूरी तरह सतर्क हैं। एक तरफ जहां आतंकी गतिविधियों को समय रहते कुचलने की रणनीति सामने आई है, वहीं दूसरी ओर जासूसी नेटवर्कों को भी ध्वस्त करने में सरकार और सुरक्षा बलों की तत्परता स्पष्ट दिखती है।

यह ऑपरेशन न केवल एक सुरक्षा उपलब्धि है, बल्कि एक संदेश भी है कि भारत की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों को अब बख्शा नहीं जाएगा।

Pushpesh Rai
एक विचारशील लेखक, जो समाज की नब्ज को समझता है और उसी के आधार पर शब्दों को पंख देता है। लिखता है वो, केवल किताबों तक ही नहीं, बल्कि इंसानों की कहानियों, उनकी संघर्षों और उनकी उम्मीदों को भी। पढ़ना उसका जुनून है, क्योंकि उसे सिर्फ शब्दों का संसार ही नहीं, बल्कि लोगों की ज़िंदगियों का हर पहलू भी समझने की इच्छा है।