नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत के 75वें जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने भागवत के नेतृत्व की सराहना करते हुए उन्हें सामाजिक एकता और परिवर्तन का प्रेरक बताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मोहन भागवत ने अपने जीवन को समाज सुधार, राष्ट्रीय एकता और सेवा के कार्यों को समर्पित किया है। उन्होंने यह भी कहा कि भागवत का नेतृत्व संघ के इतिहास में सबसे अधिक परिवर्तनकारी दौर का प्रतीक है, जो संगठन के सौवें वर्ष की ओर बढ़ते हुए विशेष महत्व रखता है।
‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के जीवंत प्रतीक
प्रधानमंत्री ने मोहन भागवत को ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ यानी “संपूर्ण विश्व एक परिवार है” की भावना का जीवंत उदाहरण बताते हुए कहा कि उन्होंने अपने विचारों, कार्यशैली और आचरण से समाज में विश्वास, भाईचारा और समानता को मजबूत किया है। उनकी सौम्यता और दूरदर्शिता ने उन्हें एक सम्मानित और संवेदनशील नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित किया है।
विजयदशमी और RSS शताब्दी वर्ष का संगम
मोदी ने उल्लेख किया कि इस वर्ष विजयदशमी के दिन RSS के शताब्दी वर्ष का समापन हो रहा है, और यह ऐतिहासिक क्षण महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के साथ पड़ रहा है, जिसे उन्होंने एक “सार्थक संयोग” कहा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि मोहन भागवत ने सरसंघचालक के रूप में केवल संगठन की जिम्मेदारी नहीं निभाई, बल्कि उसे व्यक्तिगत बलिदान, उद्देश्य की स्पष्टता और राष्ट्र-सेवा की भावना के साथ नई दिशा दी है।
‘राष्ट्र पहले’ की भावना का नेतृत्व
प्रधानमंत्री ने भागवत के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनका समर्पण ‘राष्ट्र पहले’ की भावना से प्रेरित है। उन्होंने अपने शुभकामना संदेश में लिखा कि भागवत का जीवन युवाओं और समाज के सभी वर्गों के लिए एक मार्गदर्शक है। मोहन भागवत के 75वें जन्मदिन पर प्रधानमंत्री का यह संदेश न केवल व्यक्तिगत सम्मान का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे उनका नेतृत्व और विचार संघ के साथ-साथ देश की सामाजिक दिशा को भी प्रभावित कर रहा है। भागवत का कार्य, उनके विचार और नेतृत्व शैली भारत की सामूहिक चेतना और ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को आगे बढ़ाने में निरंतर योगदान दे रही है।