नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (DUSU) चुनाव 2025 के लिए सरगर्मी तेज हो गई है। आगामी 18 सितंबर को होने वाले इस चुनाव में देश की दो प्रमुख छात्र इकाइयां – अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) आमने-सामने होंगी। दोनों संगठनों ने अपने-अपने पैनल की घोषणा कर दी है, जिससे इस बार का चुनाव दिलचस्प होने वाला है।
ABVP का पैनल
ABVP ने आर्यन मान को अध्यक्ष पद के लिए मैदान में उतारा है। इसके साथ ही गोविंद तंवर को उपाध्यक्ष, कुणाल चौधरी को सचिव और दीपिका झा को संयुक्त सचिव पद का उम्मीदवार बनाया गया है। संगठन इस बार एक नए नेतृत्व के साथ चुनावी मैदान में उतरा है और बीते वर्षों के कमजोर प्रदर्शन को पीछे छोड़कर वापसी करने की कोशिश में है। ABVP का फोकस पिछले साल की सफलता को दोहराने और DUSU पर अपनी पकड़ बनाए रखने पर है।
NSUI का पैनल
कांग्रेस की छात्र इकाई NSUI ने जॉसलिन नंदिता चौधरी को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार घोषित किया है। उनके साथ राहुल झंझला को उपाध्यक्ष, कबीर को सचिव और लवकुश भड़ाना को संयुक्त सचिव पद का प्रत्याशी बनाया गया है। NSUI इस बार फिर से अपनी पकड़ को मजबूत करने और लगातार बढ़ते समर्थन को भुनाने की रणनीति पर काम कर रही है।
चुनाव से परे, संदेश दूर तक
DUSU चुनाव सिर्फ कैंपस की राजनीति तक सीमित नहीं रहते। यह अक्सर देश की राजनीतिक हवा का संकेत देते हैं और युवाओं के मूड को दर्शाते हैं। इस साल चुनाव में प्रमुख मुद्दे छात्रावास सुविधाएं, पुस्तकालय की अवस्थापना, कैंपस सुरक्षा, और फीस ढांचा होंगे।
अब जब पैनल घोषित हो चुके हैं, चुनाव प्रचार ने रफ्तार पकड़ ली है। पोस्टर, वाद-विवाद, जनसंपर्क सत्र और सोशल मीडिया अभियान आने वाले हफ्तों में चुनावी माहौल को और गरमा देंगे।
ABVP और NSUI दोनों ही इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि यह चुनाव केवल विश्वविद्यालय में वर्चस्व स्थापित करने का मौका नहीं है, बल्कि दिल्ली और राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा राजनीतिक संदेश देने का भी मंच है।
अब निगाहें 18 सितंबर पर
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि NSUI अपनी पकड़ बनाए रखती है या ABVP जोरदार वापसी करती है। 18 सितंबर को मतदान के साथ ही इस राजनीतिक लड़ाई का फैसला सामने आएगा।













