पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) में सीट बंटवारे को लेकर अंदरूनी खींचतान अब सतह पर आती दिख रही है। इस बीच लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने एक ऐसा पोस्ट किया है, जिसने राजनीतिक हलकों में चर्चाओं को और हवा दे दी है।
बुधवार को अपने पिता और लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर चिराग ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक भावुक लेकिन सियासी रूप से महत्वपूर्ण संदेश पोस्ट किया। उन्होंने लिखा:
“पापा हमेशा कहते थे, अन्याय मत करो और अन्याय मत सहो। जीना है तो मरना सीखो, हर कदम पर लड़ना सीखो।”
इस पोस्ट को लेकर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान सीधे तौर पर एनडीए में सीटों को लेकर चल रही रस्साकशी की ओर इशारा करता है।
एनडीए में सीटों को लेकर गतिरोध
बिहार चुनाव के लिए एनडीए अब तक सीटों के बंटवारे की घोषणा नहीं कर पाया है। जानकारी के अनुसार, बीजेपी और जेडीयू दोनों 103-103 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग कर रहे हैं। वहीं जीतनराम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) 15 से 18 सीटों की मांग कर रही है, जबकि बीजेपी सिर्फ 7-8 सीटें देने को तैयार है।
इसी तरह, चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी (रामविलास) ने 40 से 50 सीटों की मांग की है। लेकिन बीजेपी की ओर से अब तक सिर्फ 20 सीटें देने का प्रस्ताव सामने आया है। चिराग की पार्टी ने उन विधानसभा क्षेत्रों पर जोर दिया है जहां उन्हें जीत की संभावना अधिक लगती है। पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में जिन पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी, उनमें से हर एक में दो-दो विधानसभा सीटें मांगी हैं।
चिराग पासवान का जवाब टालू, लेकिन सख्त संकेत
पटना एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत करते हुए चिराग पासवान ने सीट बंटवारे पर पूछे गए सवालों को टालते हुए कहा कि, “बातचीत चल रही है। अभी प्रारंभिक चरण है। समय आने पर जानकारी दी जाएगी।”
हालांकि उन्होंने साफ किया कि चर्चा पूरी तरह खत्म नहीं हुई है, लेकिन उनके बयानों और सोशल मीडिया पोस्ट ने राजनीतिक गलियारों में यह सवाल जरूर खड़ा कर दिया है कि क्या एलजेपी (रामविलास) एनडीए से नाराज़ है या कोई नया सियासी विकल्प तलाश रही है।
आज पटना में अहम बैठक
बुधवार को पटना में एनडीए की एक अहम बैठक होने जा रही है जिसमें बीजेपी, जेडीयू, एलजेपी (रामविलास), हम और अन्य घटक दलों के शीर्ष नेता शामिल होंगे। इस बैठक में सीट बंटवारे को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि अगर सीट बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बनती है, तो एनडीए में दरार गहराई तक जा सकती है। चिराग पासवान के तल्ख तेवर और सोशल मीडिया पर उनके कड़े संदेश इसे और संकेत देते हैं।
अब देखना होगा कि एनडीए गठबंधन इस अंदरूनी खींचतान को कैसे सुलझाता है और क्या चिराग पासवान को उनकी मांग के मुताबिक सीटें मिल पाती हैं या नहीं।