राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की छात्राओं को नसीहत, “Live-In Relationship से दूर रहें, शोषण की संभावना बढ़ती है”

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की छात्राओं को नसीहत,
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की छात्राओं को नसीहत, "Live-In Relationship से दूर रहें, शोषण की संभावना बढ़ती है"

वाराणसी: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बुधवार को छात्राओं को लिव-इन रिलेशनशिप से दूर रहने की सलाह दी और चेताया कि ऐसे संबंधों में शोषण की संभावना अधिक होती है। उन्होंने यह टिप्पणी महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के 47वें दीक्षांत समारोह के दौरान की, जहां वे मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थीं और उन्होंने छात्रों को डिग्रियां व स्वर्ण पदक वितरित किए।

राजभवन द्वारा जारी बयान के अनुसार, राज्यपाल ने कहा, “बेटियों को कोई भी निर्णय लेने से पहले अच्छी तरह विचार करना चाहिए और लिव-इन जैसे रिश्तों एवं ऐसे हालातों से दूर रहना चाहिए, जिनसे शोषण की संभावना हो।”

महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर चिंता

राज्य की सभी विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति होने के नाते आनंदीबेन पटेल ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर चिंता व्यक्त की और छात्राओं से कहा कि वे अपने व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में सतर्क रहें। उन्होंने युवतियों को सलाह दी कि वे ऐसे लोगों से सावधान रहें जो उनके विश्वास का दुरुपयोग कर सकते हैं।

“शिक्षा केवल प्रमाणपत्र अर्जित करने का साधन नहीं”

राज्यपाल ने शिक्षा के उद्देश्य पर जोर देते हुए कहा, “शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री पाना नहीं है, बल्कि यह जीवन में बदलाव लाने का माध्यम है।” उन्होंने छात्रों से अनुशासन, कर्तव्य और राष्ट्रभक्ति की भावना के साथ जीवन जीने की अपील की।

उन्होंने छात्र-छात्राओं से हर सप्ताह कम से कम एक घंटे सफाई अभियान में भाग लेने और अपने छात्रावासों एवं विश्वविद्यालयों की देखभाल करने की भी अपील की।

शोध और समावेशिता पर जोर

राज्यपाल ने पर्यावरण संरक्षण, जैविक खेती और आपदा अनुसंधान जैसे क्षेत्रों में युवाओं से जुड़ने की अपील की। उन्होंने कहा, “हमने खुद ही पर्यावरण का संतुलन बिगाड़ा है, इसलिए उसे ठीक करने की जिम्मेदारी भी हमारी ही है।”

आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालय द्वारा तीसरे लिंग (ट्रांसजेंडर) के लिए शिक्षा को बढ़ावा देने की पहल की सराहना की और बताया कि जल्द ही विश्वविद्यालय का ताइवान के साथ एक समझौता (MoU) किया जाएगा, जिससे शैक्षणिक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।

समारोह के दौरान राज्यपाल ने चंदौली जिले के 300 आंगनबाड़ी केंद्रों को किट वितरित की और विश्वविद्यालय के संस्थापक शिव प्रसाद गुप्ता की चित्रमय जीवनी ‘झांकी’ और एक स्मारिका का विमोचन भी किया।

Pushpesh Rai
एक विचारशील लेखक, जो समाज की नब्ज को समझता है और उसी के आधार पर शब्दों को पंख देता है। लिखता है वो, केवल किताबों तक ही नहीं, बल्कि इंसानों की कहानियों, उनकी संघर्षों और उनकी उम्मीदों को भी। पढ़ना उसका जुनून है, क्योंकि उसे सिर्फ शब्दों का संसार ही नहीं, बल्कि लोगों की ज़िंदगियों का हर पहलू भी समझने की इच्छा है।