
नई दिल्ली: भारत और अफगानिस्तान ने शुक्रवार को एक साझा कूटनीतिक संदेश के माध्यम से पाकिस्तान पर परोक्ष निशाना साधा। अफगान विदेश मंत्री अमिर खान मुत्ताकी और भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के बीच नई दिल्ली में हुई मुलाकात के दौरान, दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय स्थिरता, आतंकवाद और आपसी संबंधों को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिए।
“हमारी धरती किसी के खिलाफ इस्तेमाल नहीं होगी” – मुत्ताकी
अफगान विदेश मंत्री ने साफ शब्दों में कहा, “अमेरिकी कब्जे के दौरान कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन हमने कभी भारत के खिलाफ बयानबाजी नहीं की। हमने हमेशा भारत के साथ अच्छे संबंधों को महत्व दिया है। हम किसी को भी हमारी धरती का इस्तेमाल किसी और के खिलाफ करने की अनुमति नहीं देंगे। यह पूरे क्षेत्र के लिए एक चुनौती है और अफगानिस्तान इसके केंद्र में है।”
मुत्ताकी ने हाल ही में आए भूकंप के दौरान भारत द्वारा दी गई मानवीय सहायता के लिए भी आभार व्यक्त किया और भारत को “पहला मददगार” बताया। उन्होंने कहा, “हम भारत को एक करीबी मित्र मानते हैं और हमारे रिश्ते आपसी सम्मान, व्यापार और जनसंपर्क पर आधारित होने चाहिए।”
उन्होंने यह भी प्रस्ताव रखा कि भारत और अफगानिस्तान को एक परामर्शी तंत्र विकसित करना चाहिए जिससे द्विपक्षीय रिश्तों को और मजबूत किया जा सके।
जयशंकर का जवाब: “भारत अफगानिस्तान की संप्रभुता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध”
भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा, “भारत अफगानिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है।” उन्होंने कहा कि दोनों देशों को क्षेत्रीय स्थिरता और लचीलापन के लिए आपसी सहयोग बढ़ाना चाहिए।
जयशंकर ने घोषणा की कि भारत जल्द ही काबुल में अपना दूतावास फिर से खोलेगा, जिससे दोनों देशों के बीच राजनयिक संपर्क को और गति मिलेगी।
उन्होंने आगे कहा, “हम विकास और समृद्धि के लिए साझा प्रतिबद्धता रखते हैं, लेकिन सीमापार आतंकवाद जैसी साझा चुनौतियाँ हमारे सामने हैं। हमें आतंकवाद के खिलाफ अपने प्रयासों का समन्वय करना होगा। हम आपकी (अफगानिस्तान की) भारत की सुरक्षा चिंताओं के प्रति संवेदनशीलता की सराहना करते हैं।”
पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान में हवाई हमले का पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि भारत-अफगानिस्तान की ये टिप्पणियां ऐसे समय आई हैं जब पाकिस्तान ने काबुल में हवाई हमले किए हैं। इन हमलों का उद्देश्य तेहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के ठिकानों को निशाना बनाना था। पाकिस्तान लंबे समय से आरोप लगाता रहा है कि अफगान भूमि का उपयोग पाक-विरोधी गतिविधियों के लिए किया जा रहा है। इन घटनाक्रमों के बीच भारत और अफगानिस्तान का बढ़ता सहयोग, विशेषकर सुरक्षा और कूटनीति के मोर्चे पर, क्षेत्रीय शक्ति संतुलन को नए रूप में परिभाषित कर सकता है।